76 गांव मुसीबत में, तीन प्रखंडों में सिंचाई का संकट मंडराया
खरसावां : महत्वपूर्ण सोना सिंचाई योजना का मुख्य नहर का एक हिस्सा (करीब 20-25 फीट) कुचाई के अरुवां पुलिया के पास बह गया. इससे मुख्य नहर के साथ- साथ शाखा नहरों में भी सिंचाई के लिये पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गयी है. गुरुवार व शुक्रवार को हुई भारी बारिश के बाद नहर में क्षमता से अधिक पानी प्रवाहित होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. इस वजह से खरसावां, कुचाई व सरायकेला प्रखंड के 76 गांवों के किसानों को संकट का सामना करना पड़ रहा है. करीब दस हजार हेक्टेयर जमीन पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है.
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोना सिंचाई योजना के जल भंडारण स्थल केरकेट्टा डैम (बीयर) से मुख्य नहर में पानी के आपूर्ति स्थल पर लोहे के गेट को बदलने का कार्य किया जा रहा है. इस बावत केरकेट्टा डैम में मुख्य नहर के लिये दोनों ही गेट खोल दिये गये थे. इसी बीच गुरुवार व शुक्रवार को लगातार बारिश होने के बाद उक्त नहर में क्षमता से अधिक पानी प्रवाहित हुई, जिससे शुक्रवार को अरुवां पुलिया के पास मुख्य नहर का एक हिस्सा ढह गया.
दोनों गेट बंद कराये
घटना की जानकारी मिलने के बाद जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने केरकेट्टा डैम स्थल पर मुख्य नहर के दोनों गेट को बंद कराया. इसके पश्चात सोना सिंचाई के मुख्य नहर में पानी की आपूर्ति बंद हुई. कुचाई के बायांग गांव के पास भी मुख्य नहर में हल्की दरार आयी है. नहर के किनारे की मिट्टी भी धंस गयी है. विभाग के जूनियर इंजीनियर मुकेश प्रसाद ने पूरे नहर का मुआयना किया. उन्होंने बताया कि पूरे मामले पर विभाग से सहायक अभियंता को रिपोर्ट करेंगे व नहर की मरम्मत के लिये 15 दिनों के भीतर प्राक्कलन तैयार कर विभाग को सुपुर्द करेंगे.
मरम्मत की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा ने भी इस संबंध में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार से दूरभाष पर वार्ता कर जल्द से जल्द मरम्मत की मांग की. विदित हो कि मुख्य नहर के ढह जाने से खरसावां, कुचाई व सरायकेला प्रखंड के 76 गांवों के किसानों को संकट का सामना करना पड़ रहा है.