सरकार ने कहा है कि विधानसभा सचिवालय के सहायक और सरकार के सचिवालय के सहायक में प्रोन्नति में समानता होनी चाहिए. राज्य सरकार के सचिवालय सहायक सचिव के पद पर प्रोन्नत नहीं होते हैं. इसलिए विधानसभा सचिवालय के सहायक की प्रोन्नति भी सचिव के पद पर नहीं होनी चाहिए. विधानसभा में सचिव के पद पर न्यायिक सेवा के अधिकारी को पदस्थापित किया जाना चाहिए. सरकार ने न्यायिक सेवा के अधिकारी को पदस्थापित किये जाने तक विशेष परिस्थिति में काम चलाने के लिए विधानसभा सचिवालय के अपर या संयुक्त सचिव से प्रभारी सचिव का काम लेने की छूट देने की बात भी कही है. सरकार की इस अनुशंसा से अब विधानसभा में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों का प्रोन्नत होकर सचिव बनना संभव नहीं होगा.
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झारखंड : विधानसभा में चपरासी अब नहीं बन सकेंगे सचिव
रांची : विधानसभा में अब चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी प्रोन्नत होकर सचिव नहीं बन सकेंगे. विधानसभा सचिव के पद पर न्यायिक सेवा के अधिकारी ही पदस्थापित होंगे. राज्य सरकार ने विधानसभा नियुक्ति नियमावली के लिए इससे संबंधित अनुशंसा राज्यपाल से की है. सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने राज्य सरकार की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया है. […]
रांची : विधानसभा में अब चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी प्रोन्नत होकर सचिव नहीं बन सकेंगे. विधानसभा सचिव के पद पर न्यायिक सेवा के अधिकारी ही पदस्थापित होंगे. राज्य सरकार ने विधानसभा नियुक्ति नियमावली के लिए इससे संबंधित अनुशंसा राज्यपाल से की है. सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने राज्य सरकार की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया है.
सहायक से सचिव की प्रोन्नति पर आपत्ति : विधानसभा की ओर से भेजी गयी नियुक्ति नियमावली में अपर सचिव, संयुक्त सचिव को सचिव के पद पर प्रोन्नत करने की बात कही गयी है. सचिव के पद के लिए ग्रेड-पे 10 हजार निर्धारित किया गया है. पर सरकार की ओर से भेजी गयी अनुशंसा में सहायक से सचिव के पद तक प्रोन्नति पर आपत्ति जतायी गयी है.
विधायकों की संख्या बढ़ने तक नियुक्ति पर रोक
सरकार ने विधानसभा नियुक्ति नियमावली के तहत नन-मैट्रिक को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर नियुक्त करने के प्रावधान का भी विरोध किया है. कहा है कि भारत सरकार ने चतुर्थ वर्ग के पदों पर नन- मैट्रिक की नियुक्त बंद कर दी है. इसलिए विधानसभा में भी चतुर्थ वर्गीय पदों पर नन-मैट्रिक की नियुक्त नहीं की जानी चाहिए. साथ ही विधानसभा में विधायकों की संख्या बढ़ने तक नयी नियुक्ति नहीं करने का अनुशंसा की है.
नियमावली में क्या-क्या बदलाव
– चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी प्रोन्नत होकर सचिव के पद तक नहीं पहुंचेंगे
– न्यायिक सेवा के अधिकारी विधानसभा में सचिव के पद पर पदस्थापित होंगे
– चतुर्थ वर्गीय पदों पर नन- मैट्रिक की नियुक्त नहीं होगी
– पदों के सृजन आवश्यक्ता आधारित होगा
– विधानसभा सदस्यों की संख्या बढ़ने तक नये पदों का सृजन व नयी नियुक्त नहीं होगी
राज्यपाल ने सरकार से मांगी थी राय
राज्यपाल ने विधानसभा सचिवालय की ओर से स्वीकृति के लिए भेजी गयी नियुक्ति-प्रोन्नति नियमावली पर राज्य सरकार की राय मांगी थी. नियुक्ति, प्रोन्नति का मामला पैसों से जुड़ा होने के कारण मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नियमावली की समीक्षा की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव अमित खरे को सौंपी थी. उन्होंने विधानसभा की ओर से भेजी गयी नियमावली पर वित्तीय कारणों से आपत्ति जतायी और उसे बदलने की अनुशंसा की.
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