गुमला पुलिस को इस पूरे मामले की भनक तक नहीं लगने दी गयी. फिलहाल पुलिस ने दोनों के सरेेंडर करने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. हालांकि पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने ऑफ द रिकाॅर्ड दोनों के सरेंडर को सही बताया है. बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों में समारोह आयोजित कर दोनों को विधिवत सरेंडर कराये जाने की योजना है. सरकार ने नकुल यादव पर 25 लाख और मदन यादव पर 10 लाख के इनाम की घोषणा कर रखी है.
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गुमला: बिशुनपुर प्रखंड के रेहलदाग गांव में हथियार डाले, एके-47 सौंपा, 25 लाख का इनामी नक्सली नकुल यादव ने किया सरेंडर
गुमला: भाकपा माओवादी के मोस्टवांटेड जोनल कमांडर नकुल यादव व सब जोनल कमांडर मदन यादव ने बुधवार को पुलिस की एक टीम के समक्ष सरेंडर कर दिया है. पुलिस को एके-47 भी सौंपे हैं. सूचना है कि दोनों ने गुमला के बिशुनपुर प्रखंड स्थित रेहलदाग गांव में रांची से पहुंची पुलिस टीम के समक्ष सरेंडर […]
गुमला: भाकपा माओवादी के मोस्टवांटेड जोनल कमांडर नकुल यादव व सब जोनल कमांडर मदन यादव ने बुधवार को पुलिस की एक टीम के समक्ष सरेंडर कर दिया है. पुलिस को एके-47 भी सौंपे हैं. सूचना है कि दोनों ने गुमला के बिशुनपुर प्रखंड स्थित रेहलदाग गांव में रांची से पहुंची पुलिस टीम के समक्ष सरेंडर किया है.
गुमला पुलिस को इस पूरे मामले की भनक तक नहीं लगने दी गयी. फिलहाल पुलिस ने दोनों के सरेेंडर करने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. हालांकि पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने ऑफ द रिकाॅर्ड दोनों के सरेंडर को सही बताया है. बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों में समारोह आयोजित कर दोनों को विधिवत सरेंडर कराये जाने की योजना है. सरकार ने नकुल यादव पर 25 लाख और मदन यादव पर 10 लाख के इनाम की घोषणा कर रखी है.
दो गाड़ी में सवार होकर रांची से गयी थी पुलिस : जानकारी के अनुसार, बुधवार दोपहर को दो गाड़ी में सवार होकर रांची से पुलिस की टीम गुमला पहुंची. पुलिस की टीम सीधे बिशुनपुर प्रखंड के रेहलदाग गांव चली गयी. सूत्रों के अनुसार, रेहलदाग गांव में देर शाम नकुल यादव और मदन यादव ने पुलिस टीम के समक्ष हथियार सौंप दिये. इसके बाद पुलिस दोनों को बैठा कर चुपचाप रांची के लिए निकल गयी. रांची में दोनों को किसी गुप्त स्थान पर रखा गया है. नकुल यादव के सरेंडर करने की बातें पिछले साल भर से आ रही थी. लेकिन किसी कारण से वह सरेंडर करने में देर कर रहा था.
पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि, माओवादियों को नुकसान
नकुल यादव व मदन यादव दोनों हार्डकोर नक्सली हैं. गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिले में इनका आतंक था. दोनों के सरेंडर करने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है. जबकि पुलिस के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. नकुल यादव पर दर्जन भर पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों की हत्या का आरोप है. दोनों ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है. पिछले दो-तीन सालों से वह पुलिस के लिए सबसे बड़ा चुनौती बना हुआ था. लोहरदगा के धरधरिया में सात जवानों की हत्या में दोनों शामिल थे. बिशुनपुर,घाघरा व चैनपुर में कई बड़ी घटनाओं में 10 से अधिक पुलिसकर्मियों की दोनों ने हत्या की थी.
बच्चों के अपहरण को लेकर चर्चित हुआ था
नकुल व मदन यादव संगठन के लिए बच्चों को अगवा भी करते थे. बच्चों को जबरन उठा कर ले जाते और उन्हें बाल नक्सली दस्ता में शामिल करते. बच्चों के अपहरण को लेकर नकुल यादव वर्ष 2013 में सुर्खियों में आया था. 2014 में पुलिस ने दोनों नक्सलियों को पकड़ने और बच्चों को मुक्त कराने के लिए बड़ा अभियान चलाया था. दोनों तो नहीं पकड़े गये, पर पुलिस को यह पता चला था कि नकुल यादव 40 बच्चों को ले जाकर संगठन में शामिल करा चुका था. 2015 में जब नकुल यादव एक बार फिर से बच्चों को जबरन संगठन में ले जाने लगा था, तब प्रभात खबर ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था. प्रभात खबर की खबर पर हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.
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