23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर सरन ने कहा, झारखंड में 100 साल से अधिक का कोयला भंडार

रांची: सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर सरन ने कहा कि झारखंड के पास करीब 75 बिलियन टन प्रमाणित कोयले का भंडार है. कोयले की वर्तमान मांग के हिसाब से यह 100 साल से अधिक समय तक चलेगा. अभी और कोयले की खोज कंपनी कर रही है. सीएमडी शनिवार को कंपनी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में […]

रांची: सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर सरन ने कहा कि झारखंड के पास करीब 75 बिलियन टन प्रमाणित कोयले का भंडार है. कोयले की वर्तमान मांग के हिसाब से यह 100 साल से अधिक समय तक चलेगा. अभी और कोयले की खोज कंपनी कर रही है. सीएमडी शनिवार को कंपनी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उपलब्धियों की जानकारी दे रहे थे.

श्री सरन ने कहा कि कंपनी का पिछले वित्तीय वर्ष की ड्रिलिंग का लक्ष्य 11 लाख मीटर था, इसकी तुलना में कंपनी ने 11.26 लाख मीटर ड्रिलिंग की. 2015-16 की तुलना में करीब 13 फीसदी अधिक दर से ड्रिलिंग हुई. चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 12.50 लाख मीटर दिया गया है. पिछले साल विभागीय स्तर पर 4.41 लाख मीटर ड्रिलिंग की गयी थी, जो 2015-16 की तुलना में करीब 4.41 फीसदी की वृद्धि है.
141 करोड़ का काम कोल इंडिया से बाहर मिला
सीएमडी श्री सरन ने कहा कि सीएमपीडीआइ को अपना दायरा बढ़ाना होगा. इस दिशा में काम हो रहा है. कोयला के अतिरिक्त अन्य खनन क्षेत्रों में संभावना तलाशी जा रही है. पिछले वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया से बाहर करीब 141. 3 करोड़ रुपये का काम कंपनी को मिला. इसमें सेल की ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी आइसीबीएल का काम भी शामिल है. यह काम मोजांबिक में करना है. कंपनी के अधिकारी बांग्लादेश और इंडोनेशिया में भी काम की संभावना तलाशने जा रहे हैं.
मात्र तीन वर्ग किलोमीटर में रह गयी है झरिया की आग
सीएमपीडीआइ झरिया में लगी आग की मॉनिटरिंग सैटेलाइट के माध्यम से कर रहा है. सीएमडी ने बताया कि वहां शुरुआती समय में करीब 12 वर्ग किलोमीटर कोयले में आग लगी थी. यह पिछले साल तीन वर्ग किलोमीटर में रह गयी है. इसके बावजूद खदान के ऊपर रह रहे लोगों का पुनर्वास ही एक मात्र उपाय है. जमीन में लगी आग को खुदाई किये बिना बुझाना संभव नहीं है. पिछले 30-35 साल से हम इस दिशा में कई प्रयास कर चुके हैं. आग के ऊपर रह रहे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण पुनर्वास का काम राज्य सरकार के स्तर से प्रभावित हो रहा है. इस मामले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिल कर प्रयास भी कर रही है.
अब सीएमएम-सीबीएम की निकासी कर सकेगा
सीएमडी ने बताया कि अब सीएमपीडीआइ कोल बेड मिथेन (सीबीएम) और कोल माइन मिथेन (सीएमएम) की निकासी खुद कर सकेगा. इसके लिए पहले तेल एवं पेट्रोलियम मंत्रालय से अनुमति लेने की जरूरत थी. सीएमपीडीअाइ को निकासी का लाइसेंस देने पर सहमति बन गयी है. कंपनी अभी झरिया, रानीगंज व मुनीडीह में सीएमएम व सीबीएम निकासी की योजना पर काम कर रही है.
सीएसआर पर 1.20 करोड़ हुआ खर्च
कंपनी ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबलिटी (सीएसआर) पर पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 1.20 करोड़ रुपये खर्च किया है. ब्रज किशोर नेत्रहीन विद्यालय की 12 छात्राओं को गोद लिया गया है. बिरसा स्कूल को आर्थिक रूप से सहयोग किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त अन्य कई गतिविधियां चलायी जा रही हैं. इस मौके पर निदेशक वीके सिन्हा, विनय दयाल और एके चक्रवर्ती भी मौजूद थे.
बेनतीजा रही जेबीसीसीआइ उप समिति की बैठक
कोयला कर्मियों के वेतन व अन्य सुविधाओं के लिए गठित जेबीसीसीअाइ उप समिति की बैठक दिल्ली में शनिवार को बेनतीजा समाप्त हुई. उक्त बैठक में हिस्सा लेने के लिए भविष्य निधि आयुक्त को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंच सके. अब 24 अप्रैल को धनबाद में आयुक्त के साथ बैठक होगी. इसकी अध्यक्षता सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह करेंगे. इसमें मजदूर यूनियनों की ओर से बीके राय, डीडी रामानंदन, लखन लाल महतो व नाथूलाल पांडेय शामिल होंगे. जेबीसीसीअाइ उप समिति की अगली बैठक सात मई को दिल्ली में होगी. आठ और नौ मई को जेबीसीसीआइ फूल बेंच की बैठक होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें