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सीसीएल अफसर व तीन कंपनियों के ठिकानों पर सीबीआइ का छापा

रांची: सीबीआइ रांची ने 24.53 करोड़ के कोयला घोटाले में सीसीएल के पूर्व जीएम सेल्स राजीव गुप्ता व तीन कंपनियों के ठिकानों पर छापा मारा. छापेमारी के दायरे में जिन कंपनियों को शामिल किया गया था, उनमें आधुनिक एलाय एंड पावर लिमिटेड, रूंगटा माइंस और जय बालाजी इंडस्ट्रीज के नाम शामिल हैं. छापेमारी के दौरान […]

रांची: सीबीआइ रांची ने 24.53 करोड़ के कोयला घोटाले में सीसीएल के पूर्व जीएम सेल्स राजीव गुप्ता व तीन कंपनियों के ठिकानों पर छापा मारा. छापेमारी के दायरे में जिन कंपनियों को शामिल किया गया था, उनमें आधुनिक एलाय एंड पावर लिमिटेड, रूंगटा माइंस और जय बालाजी इंडस्ट्रीज के नाम शामिल हैं. छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में जालसाजी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

सीबीआइ(एसीबी) ने सुबह सीसीएल के तत्कालीन जीएम सेल्स राजीव गुप्ता के कांके स्थित फ्लैट और तीनों आरोपी कंपनियों के कोलकाता स्थित ठिकाने पर छापा मारा. सीबीआइ ने गुप्ता के चांदनी चौक स्थित रश्मिरथि अपार्टमेंट के फ्लैट, कोलकाता में आधुनिक के नेताजी सुभाष रोड, रूंगटा माइंस के शेक्सपियर सरानी रोड और बालाजी के बेनटिक स्ट्रीट स्थित कार्यलय पर छापेमारी की. इस दौरान भारी मात्रा में गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

इन तीनों कंपनियों को उनके स्पंज आयरन कारखाने के लिए सीसीएल से कोल लिंकेज मिला था. इन कंपनियों के नाम कोल ब्लॉक आवंटित था. कोल ब्लॉक से उत्पादन शुरू होने के बाद इन कंपनियों को अनुदानित दर कर कोयला नहीं मिलना चाहिए था, पर राजीव गुप्ता और कंपनियों के बीच रची गयी साजिश के तहत कंपनियों के अनुदानित दर पर कोयला मिलता रहा. इससे कोल कंपनी को 24.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सीबीआइ ने इस गड़बड़ी के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद छापामारी की कार्रवाई शुरू की. छापेमारी दल का नेतृत्व राजेश सोलंकी और सतीश चंद्र झा कर रहे थे.

प्राथमिकी में क्या आरोप लगे हैं
सीबीआइ ने गुप्त सूचना के आधार पर मिली जानकारी की जांच पड़ताल के बाद राजीव गुप्ता व तीनों कंपनियों के खिलाफ आइपीसी की धार 420,120 बी के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(डी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें यह आरोप लगाया गया है कि राजीव गुप्ता ने तीनों कंपनियों के साथ साजिश रच कर फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के तहत शर्ट टर्म कोल लिंकेज दिया. हालांकि एड ऑन प्राइस नहीं लिया. इससे कुल 24.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. राजीव गुप्ता ने इन कंपनियों को नार्मल लिंकेज की भी सुविधा दी. इस मामले में आधुनिक के साथ 23 जुलाई 2009, रूंगटा के साथ 27 फरवरी तथा बालाजी के साथ 30 अप्रैल 2008 को एकरारनामा किया. कोल इंडिया के नियमों के आलोक में जिन कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है, उन्हें इसकी सूचना कोल इंडिया को देनी है. पर इन तीनों कंपनियों ने इसकी सूचना नहीं दी और कोल लिंकेज के तहत कोयले का उठा जारी रखा. इन कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित किये जाने से संबंधित सूचना कोल कंट्रोलर के पत्र के माध्यम से कोल इंडिया को मिली. इन कंपनियों द्वारा अपने कोल ब्लॉक से उत्पादन शुरू करने के बावजूद लिंकज के माध्यम से अधिक कोयले का उठाव किया गया. प्रारंभिक जांच में इस बात की जानकारी मिली की रूंगटा माइंस द्वारा अधिक कोयला उठाव की वजह से कंपनी को 4.84 करोड़ का नुकसान हुआ. आधुनिक द्वारा अधिक कोयले के उठाव से 19.16 करोड़ और बालाजी द्वारा अधिक कोयला उठाने से 51 लाख रुपये का नुकसान हुआ. छापेमारी के दौरान राजीव गुप्ता के घर से तीनों कंपनियों के साथ किये गये एकरारनामे की प्रतिलिपि मिली है. इसके अलावा सीबीआइ ने 35 बैंक खाते और अन्य प्रकार के निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं. सीबीआइ अधिकारियों का दल श्री गुप्ता से इन कागजात के सिलसिले में पूछताछ कर रहा है.

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