बोले चीफ जस्टिस : मच्छरों के काटने से रात भर नहीं आयी नींद
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रांची में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम को पूरी तरह से विफल बताया. चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी.
राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा : मच्छरों के काटने की वजह से रात दो बजे से तड़के पांच बजे तक मुझे नींद नहीं आयी. नगर निगम के अधिकारियों को नाले का पास खड़ा कर दिया जाये. जब मच्छर काटेगा, तो उन्हें हकीकत का पता चल जायेगा. खंडपीठ ने सरकार को विस्तृत जानकारी अगली सुनवाई के पूर्व दाखिल करने का निर्देश दिया.
सरकार से पूछे सवाल
2017 में कितने लोग मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं?
कितने लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है?
मच्छरों से निजात दिलाने के लिए क्या कदम उठाये गये?
नियमित रूप से फॉगिंग क्यों नहीं हो रही है?
यदि हो रही है, तो मच्छरों की संख्या कम क्यों नहीं हो रही?
दीवान इंद्रनील सिन्हा ने दायर की है जनहित याचिका
इससे पूर्व प्रार्थी दीवान इंद्रनील सिन्हा की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखते हुए मामले में सख्त निर्देश देने का आग्रह किया. कहा कि नगर निगम न तो सफाई करता है और न ही दवा का छिड़काव करता है. सरकार की अोर से अधिवक्ता ऋषिकेश गिरि ने पक्ष रखा.