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इंटक ही मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ सकती है : ददई
विधानसभा सभागार में आयोजित हुई झारखंड प्रदेश युवा राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस की बैठक इंटक और कांग्रेस के वरीय नेताओं ने किया संबाेधित, केंद्र सरकार पर जम कर बरसे रांची : इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष ददई दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों का हक मारना चाहती है. अपना […]
विधानसभा सभागार में आयोजित हुई झारखंड प्रदेश युवा राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस की बैठक
इंटक और कांग्रेस के वरीय नेताओं ने किया संबाेधित, केंद्र सरकार पर जम कर बरसे
रांची : इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष ददई दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों का हक मारना चाहती है. अपना हक लेने के लिए सभी मजदूरों को एकजुट होना होगा. मजदूरों की लड़ाई इंटर ही लड़ सकती है. वे रविवार को विधानसभा सभागार में आयोजित झारखंड प्रदेश युवा राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
श्री दुबे ने कहा कि सरकार गरीब की जमीन लेकर उचित मुआवजा नहीं दे रही है, जिससे गरीब और गरीब होता जा रहा है. कंपनियों में कार्य करनेवाले मजदूरों को समान कार्य के लिए समान वेतन, आश्रित को नौकरी नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर जल्द फैसला नहीं लेती है, तो चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की जायेगी.
श्री दुबे ने कहा कि इंटक का एक गुट जो गलत दावा कर रही है, उसके लिए लड़ाई लड़ी जा रही है. दवे को हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी है. राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचु ने कहा कि अपने अधिकार के लिए सभी लोगों को एकजुट होना है. केंद्र की तानाशाही मजदूरों के खिलाफ नहीं चलेगी. कार्यक्रमें में फुरकान अंसारी, बिकेश कुमार सिंह, कालीचरण यादव, मिथलेश दुबे, सुरेंद्र पांडेय, आरएम चौबे ने भी अपने विचार व्यक्त किया.
प्रदेश अध्यक्ष को बदलना राहुल गांधी का काम : फुरकान अंसारी
फुरकान अंसारी ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी अभी से तैयारी कर रही है. कार्यकर्ता प्रखंडों में केंद्र सरकार की झूठे वादे से लोगों को अवगत करा रही है.
पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है. झारखंड में संगठन कमजोर होने के सवाल पर कहा कि झारखंड में जो कार्यकर्ता कार्य नहीं कर रहे है, उसे हटाने के लिए आला नेताओं से कहा गया है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत के कार्यकाल में संगठन कमजोर हुआ है. उनके कार्यकाल में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ है. संगठन कमजोर हुआ है. जब उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रही है, तो आम जनता को क्या समझ में आयेगा. प्रदेश अध्यक्ष को बदलने का अधिकार राहुल गांधी को है. वह अपनी बात कांग्रेस के बड़े नेताओं तक पहुंचायेंगे.
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