लिट्टीपाड़ा में झामुमो की रही है धाक, 90 से कोई नहीं दे सका है चुनौती, झाविमो-कांग्रेस भी ठोक रहे ताल
रांची : लिट्टीपाड़ा उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. झामुमो विधायक रहे अनिल मुरमू के निधन से खाली हुई इस सीट पर पक्ष-विपक्ष की नजर है़ नौ अप्रैल को मतदान होना है़ झामुमो का खूंटा यहां मजबूत है़ तीर-धनुष ने यहां हर बार निशाना साधा है़ झामुमो को अपनी सीट बचा कर संताल परगना में अपनी धाक बरकार रखनी है़ वहीं सत्ता पक्ष के लिए भी यह चुनाव महत्वपूर्ण होगा़ इस सीट से भाजपा आनेवाले दिनों में संताल परगना में अपनी उपस्थिति का आगाज कर सकती है़ सत्ता पक्ष की रणनीति होगी कि किसी तरह झामुमो से यह सीट छीने़ भाजपा झामुमो के कुनबे में ही सेंध मारने की फिराक में है. इस सीट से मजबूत प्रत्याशी की तलाश है़ राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि भाजपा अनिल मुरमू की पत्नी को उम्मीवार बना कर सहानुभूति बटोरने की कोशिश में है़ कांग्रेस और झाविमो को चुनाव में पसीना बहाना होगा़ दोनों ही दल की इस क्षेत्र में कोई विशेष पकड़ नहीं है, लेकिन चुनावी समीकरण बदल सकते हैं. विपक्ष में एकता नहीं बनी, तो झामुमो के लिए थोड़ी मुश्किलें बढ़ सकती है़ं
एकीकृत बिहार के जमाने से इस सीट पर झामुमो की पकड़ रही है़ वर्ष 1990 से झामुमो ने लगातार इस सीट पर अपना कब्जा रखा है़ पिछले चुनाव में अनिल मुरमू ने छठी बार पार्टी का झंडा फहराया था़ साइमन मरांडी इस क्षेत्र के मजबूत नेता रहे है़ं 90 के दशक से इनकी पत्नी सुशीला हांसदा 2005 तक लगातार विधायक रही़ं 2009 में साइमन मरांडी यहां से विधायक बने़ साइमन राजमहल संसदीय सीट से दो बार सांसद भी रह चुके है़ं पिछले लोकसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गये थे़ साइमन मरांडी भी इस बार तुरूप का पत्ता साबित हो सकते है़ं साइमन ने भाजपा छोड़ दी है़ साइमन इस बार उपचुनाव में अपने बेटे को उतारने के पक्ष में है़ं झाविमो और आजसू जैसी पार्टियों के संपर्क में है़ं पिछले विधानसभा चुनाव में साइमन को अनिल मुरमू ने लगभग 20 हजार के अंतर से हराया था़
सीट हमारी है, हमारी ही रहेगी. तैयारी हमको नहीं करना है़ पहले पार्टी के अंदर विचार-विमर्श होगा़ प्रत्याशी को लेकर कयास और जमीनी स्तर पर चुनाव, दोनों ही अलग बातें है़ प्रत्याशी कौन होगा, समय पर सब कुछ साफ हो जायेगा़
हेमंत सोरेन, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष
हम चुनाव को लेकर तैयारी कर रहे है़ं कांग्रेस प्रत्याशी देगी़ कार्यकर्ताओं से इस संबंध में राय-विचार किया जायेगा़ हमारी रणनीति होगी कि अपनी मजबूत दावेदारी हो़ पार्टी चाहती है कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एकजुट होकर चुनाव लड़ें.ं
सुखदेव भगत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
झाविमो इस क्षेत्र में लगातार संघर्ष में रहा है. हमारे नेता-कार्यकर्ता संताल परगना के सवाल पर हमेशा मुखर रहे हैं. चुनाव में पार्टी की पूरी तैयारी है़ झारखंडी सवालों पर हमारे पक्ष में गोलबंदी है़ पार्टी की बैठक में प्रत्याशी के नाम का चयन होगा़
प्रदीप यादव, झाविमो विधायक दल के नेता