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राज्य सरकार की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, हड्डी इंप्लांट के लिए मनमाना पैसा वसूल रहे हैं अस्पताल

रांची : राज्य सरकार की जांच टीम ने रांची के हड्डी अस्पतालों में गड़बड़ियां पकड़ी हैं. जांच में पाया गया है कि ऑपरेशन में हड्डी से संबंधित उपकरणों के नाम पर अस्पताल मनमानी राशि वसूल रहे हैं. मरीजों को इन उपकरणों की कीमत की सही जानकारी नहीं दी जाती है. जांच टीम ने पाया है […]

रांची : राज्य सरकार की जांच टीम ने रांची के हड्डी अस्पतालों में गड़बड़ियां पकड़ी हैं. जांच में पाया गया है कि ऑपरेशन में हड्डी से संबंधित उपकरणों के नाम पर अस्पताल मनमानी राशि वसूल रहे हैं. मरीजों को इन उपकरणों की कीमत की सही जानकारी नहीं दी जाती है. जांच टीम ने पाया है कि इन अस्पतालों में ऑपरेशन कराने आये मरीजों को विदेशी इंप्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है.

इसके लिए उनकी काफी काउंसेलिंग की जाती है. इलाज के बाद मरीजों को इन इंप्लांट का सेल बिल भी नहीं दिया जाता. इससे स्पष्ट नहीं हो पाता है कि इंप्लांट में कितने के हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच करने पहुंची टीम को अस्पतालों ने इंप्लांट के क्रय-विक्रय का बिल उपलब्ध नहीं कराया गया. इससे स्पष्ट होता है कि ये अस्पताल मरीजों को लूट रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल अपने नाम पर इंप्लांट की खरीदारी करते हैं. खरीदारी करते समय मरीजों के नाम का उल्लेख नहीं किया जाता है. इससे उन्हें मरीजों से मनमाने पैसे वसूलने का मौका मिल जाता है.

मरीजों से एमआरपी से भी काफी अधिक कीमत लेते हैं. यह डीपीसीओ 2013 के पारा 26 का उल्लंघन है.
थोक में खरीदते हैं उपकरण : जांच टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि मेदांता अस्पताल खुद के प्राइस स्लैब सिस्टम के अनुसार हड्डी इंप्लांट का एमआरपी निर्धारित करता है. लेकिन मरीजों को इस एमआरपी से भी अधिक पैसे लेता है. बूटी मोड़ स्थित भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल आर्थोपेडिक इंप्लांट और बोन सीमेंट का क्रय सप्लायर की ओर से निर्गत क्रेडिट नोट में अंकित राशि पर करता है. जबकि मरीजों से सप्लायर की ओर से निर्गत परचेज इंवाइस पर अंकित राशि से ली जाती है. मरीजों को बताया जाता है कि इसी मूल्य पर इंप्लांट का क्रय किया गया है. इससे मरीजों को मोल-भाव करने की गुंजाइश नहीं मिलती है. इसके अलावा अस्पताल थोक औषधि अनुज्ञप्ति पर मरीजों को आर्थोपेडिक इंप्लांट का विक्रय करते हैं, जो ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 18 सी का उल्लंघन है.
हाल रिम्स का मरीजों से ज्यादा पैसा वसूलने की पुष्टि
रिपोर्ट में रिम्स में मरीजों से इंप्लांट के नाम पर अधिक पैसे वसूलने की बात कही गयी है. जांच टीम ने पाया कि रिम्स में स्पार्क सर्जिकल इंप्लांट की आपूर्ति करता है. आपूर्ति एमआरपी से भी ज्यादा कीमत पर की जाती है. रिम्स ने 16 मई 2016 काे जारी विपत्र संख्या आर-120 में यह बताया है कि इंप्लांट की कीमत 40,500 रुपये है. जबकि यही उपकरण हेल्थ प्वाइंट बरियातू को 35,000 रुपये में दी गयी है.
बीपीएल मरीजों से भी लूट
रिम्स में बीपीएल मरीजों से भी मनमाना पैसा लिया जाता है. बीपीएल मरीजों का पैसा डॉक्टर के अनुमानित खर्च पर सिविल सर्जन रिम्स को उपलब्ध कराता है. पर रिम्स की ओर से स्थानीय थोक विक्रेताओं से इंप्लांट का क्रय कर लेने पर इसकी लागत काफी कम हो जाती है. इसके बाद भी मरीजों से अधिक पैसे लिये जाते हैं. 26 दिसंबर 2016 को जारी किये गये बिल संख्या आर-616 व आर-120 में यह पाया गया. इंप्लांट के लिए एक मरीज से 44,000 रुपये लिये गये. पर एक अन्य बिल संख्या आर-427 में पाया गया कि इसी इंप्लांट का 32,000 रुपये दूसरे मरीज से लिया गया.
अलग-अलग दर पर आपूर्ति करते हैं सप्लायर : जांच टीम ने सप्लायरों के यहां भी जांच की. सप्लायर रिम्स, मेडिका, मेदांता और शिशिर सेवा केंद्र में एक ही प्रकार के इंप्लांट अलग-अलग दर पर आपूर्ति करता है. इनमें मेसर्स खारा केमिकल एंड कंपोनेंट्स (बिस्टुपुर, जमशेदपुर), श्री सर्जीकल हाउसिंग कॉलाेनी (धनबाद), कसेरा फार्मा एंड सर्जिकल (जमशेदपुर), मेसर्स मां अंबे सर्जिकल अशोक राजपथ (पटना) बिहार और सत्येंद्र केमिकल कॉरपोरेशन (कोलकाता ) आदि सप्लायर शामिल हैं. टीम ने इन सप्लायरों के खिलाफ अलग से जांच करने की अनुशंसा की है.
मरीजों से कई गुना अधिक वसूली
इंप्लांट खरीद मरीजों
मूल्य से वसूली
इंटरलॉकिंग टिबीयल नेल Rs 560 Rs 3,420
(9 x 34 सीएम)
इंटरलॉकिंग बोल्ट Rs 30 Rs 150
(4.9 x 34 व 40 एमएम)
इंटरलॉकिंग बोल्ट Rs 30 Rs 200
(4.9 x 36 व 40 एमएम)
बीपोलर हिप प्रोस्थेसिस एक्सएल Rs 2,400 Rs 5,800
(45 एमएम)
आइएलपीएफएन-2 नेल विद Rs 12,000 Rs 22,000
हेलिकल ब्लेड (45 एमएम x 24)
लॉकिंग स्क्रू 4.4 एमएम Rs 180 Rs 450
इन अस्पतालों की हुई जांच
रिम्स, नाथ अस्पताल, डॉ लाल अस्पताल, गुरुनानक अस्पताल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मां रामप्यारी अस्पताल व गुलमोहर अस्पताल

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