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फूटा गुस्सा. विशेष बैठक में नहीं आये नगर आयुक्त, अन्य अधिकारी भी देर से पहुंचे, नगर निगम के कार्यालय में ताला लगा कर धरने पर बैठ गयीं मेयर
रांची: मेयर आशा लकड़ा ने सोमवार को दिन 11 बजे नगर निगम के सभागार में विशेष बैठक बुलायी थी. हालांकि, वे खुद इस बैठक में दोपहर 12 बजे पहुंची. वहीं, नगर आयुक्त प्रशांत कुमार समेत अन्य अधिकारी बैठक से नदारद थे. उनकी अनुपस्थिति पर बैठक में पहुंचे पार्षदों ने सवाल उठाया. उन्होंने मेयर से पूछा […]
रांची: मेयर आशा लकड़ा ने सोमवार को दिन 11 बजे नगर निगम के सभागार में विशेष बैठक बुलायी थी. हालांकि, वे खुद इस बैठक में दोपहर 12 बजे पहुंची. वहीं, नगर आयुक्त प्रशांत कुमार समेत अन्य अधिकारी बैठक से नदारद थे. उनकी अनुपस्थिति पर बैठक में पहुंचे पार्षदों ने सवाल उठाया. उन्होंने मेयर से पूछा कि अधिकारियों की गैरमौजूदगी में बैठक कैसे होगी? मेयर ने करीब 15 मिनट तक इंतजार किया, लेकिन कोई अधिकारी बैठक में नहीं आया. इस पर मेयर ने नगर आयुक्त को फोन किया. नगर आयुक्त ने कहा कि उन्हें कोर्ट के जरूरी काम से जाना है, इसलिए वे बैठक में नहीं रह सकते हैं. मेयर ने इसके बाद निगम के बाकी अधिकारियों को फोन घुमाना शुरू किया. 10 मिनट बाद एक-एक कर अधिकारी बैठक में पहुंचने लगे.
बोरिंग के सवाल पर हुआ बवाल : बैठक के दौरान पार्षदों ने अधिकारियों से सवाल किया कि पिछले साल की कई बोरिंग अब तक नहीं हुई हैं. ऐसे में निगम क्या पिछले साल की ही चयनित एजेंसी से बोरिंग करवा सकती है? इस पर अपर नगर आयुक्त ने कहा कि चूंकि यह बड़ा मामला है, इसलिए इस पर नगर आयुक्त ही निर्णय लेंगे. इतना सुनते ही पार्षद आक्रोशित हो उठे और सभी एक साथ नारेबाजी करने लगे. मेयर ने भी पार्षदों का समर्थन किया और कुरसी से उठ कर हाॅल से बाहर निकल गयीं. वे पार्षदों को लेकर बारी-बारी से निगम की सभी शाखाओं में गयीं आैर वहां के कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया. कहा कि अब निगम भवन में ताला लगाया जायेगा. जिन्हें बाहर जाना हो चलें जायें. अन्यथा अंदर ही फंसे रह जायेंगे. देखते ही देखते पूरा कार्यालय खाली हो गया. उसके बाद मेयर निगम के मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठ गयीं. करीब एक घंटे तक धरने में बैठने के बाद मेयर ने नया ताला मंगवाकर निगम के मुख्य द्वार पर जड़ दिया. साथ ही कहा कि अब यह ताला तभी खुलेगा, जब बोर्ड की बैठक की तिथि तय हो जायेगी.
नगर आयुक्त पर मेयर ने निकाला गुस्सा : पार्षदों के साथ नगर निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठीं मेयर ने अारोप लगाया कि नगर निगम में टेंडर के नाम पर भारी गड़बड़ी की जा रही है. आज सीसीटीवी कैमरा लगाने के नाम पर भारी गड़बड़ी सामने आयी है. इसलिए अधिकारी बैठक से भाग रहे हैं. लेकिन वे जान लें, जब तक हम निगम में हैं, कोई भी गड़बड़ नहीं होने देंगे. अधिकारियों का मन बहुत बढ़ गया है. वे ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखेंगे. इस विशेष बैठक की सूचना डिप्टी मेयर और अन्य पार्षदों को नहीं देने का ठीकरा भी मेयर ने नगर आयुक्त के सिर पर फोड़ा. कहा : मैंने बैठक के लिए नगर अायुक्त को पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने डिप्टी मेयर और पार्षदों को इसकी सूचना भी नहीं दी.
मेयर ने नगर विकास मंत्री को सौंपा ज्ञापन
इस घटना के बाद मेयर ने नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया गया है कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद अधिकारी मनमानी करते हैं. एजेंडा के संबंध में कोई जानकारी मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं कराते हैं. सोमवार की बैठक में तो अधिकारी उपस्थित भी नहीं हुए. इसलिए ऐसे अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये. पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री को भी भेजी गयी है.
नगर आयुक्त ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
नगर निगम में साेमवार की घटना को नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा कि शनिवार शाम पांच बजे ही उन्हें मेयर का पत्र मिला था कि सोमवार को विशेष बैठक है. उसके अगले दिन रविवार की छुट्टी थी. बोर्ड की बैठक नहीं आयोजित करने के संबंध में नगर आयुक्त ने कहा कि हमने प्रोसिडिंग मेयर को भेजी थी. उस प्रोसिडिंग के कुछ एजेंडा पर मेयर के द्वारा आपत्ति की गयी थी. उन एजेंडों पर निगम बोर्ड की बैठक में चर्चा होनी चाहिए थी.
प्रशांत कुमार को हटाने की मांग
झारखंड शिक्षित बेरोजगार फुटपाथ दुकानदार महासंघ के अध्यक्ष कौशल किशोर एवं सचिव इश्तेयाक अहमद ने मुख्यमंत्री से नगर आयुक्त प्रशांत कुमार को अविलंब हटाने की मांग की है. विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा है कि प्रशांत कुमार जैसे अक्षम, तानाशाह एवं विकास के प्रति उदासीन रवैया रखनेवाले अधिकारी को तत्काल बरखास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेयर आशा लकड़ा द्वारा जनहित में नगर निगम के मुख्यद्वार पर तालाबंदी की गयी है.
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की मांग
रांची नगर निगम कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को ज्ञापन सौंप कर नगर निगम में अनुकंपा के आधार पर बहाली करने का आग्रह किया है. पत्र कहा गया है कि अनुकंपा पर नियुक्ति नहीं होने के कारण आश्रितों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार के सभी विभागों में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हो रही है, लेकिन नगर निगम में पद नहीं होने के कारण यहां के आश्रितों की नौकरी नहीं हो पा रहा है. इसलिए जल्द से जल्द अनुकंपा पर बहाली का कार्य प्रारंभ करने का आदेश दिया जाये.
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