यहां की 70 फीसदी से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों मेंं निवास करती है व कृषि ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है. इसलिए कृषि का विकास व किसानों की समृद्धि राज्य के विकास की दृष्टि से अतिआवश्यक है. राल एवं गोंद संस्थान की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह राज्य की एक प्रतिष्ठित संस्था है.
Advertisement
लाह की खेती कर लाभान्वित हों किसान : राज्यपाल
नामकुम: भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में शुक्रवार को किसान मेला सह तकनीक व मशीन प्रदर्शनी का उदघाटन राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि जब तक किसान के घर में खुशहाली नहीं आयेगी, देश में खुशहाली की बात बेमानी होगी. वह स्वयं किसान की बेटी हैं तथा लाह की खेती […]
नामकुम: भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में शुक्रवार को किसान मेला सह तकनीक व मशीन प्रदर्शनी का उदघाटन राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि जब तक किसान के घर में खुशहाली नहीं आयेगी, देश में खुशहाली की बात बेमानी होगी. वह स्वयं किसान की बेटी हैं तथा लाह की खेती भी की है पर उसकी विविधता का पता आज इस संस्थान में आकर मालूम पड़ा. राज्यपाल ने किसानों के हितों को सर्वोपरि बताते हुए उनके उत्पादों के उचित मूल्य के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की बात कही तथा लाह के उत्पादन में झारखंड की वरीयता को देश में बरकरार रखने के लिए संस्थान के वैज्ञानिकों व किसानों से अपील भी की. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड कृषि प्रधान राज्य है.
देश में हर वर्ष लगभग 20 हजार टन लाख का उत्पादन होता है व झारखंड देश का सबसे बड़ा लाख उत्पादक राज्य है. उन्होंने कहा कि राज्य में लाख कीटों के परिपालक कुसुम, बेर व पलाश बहुतायत में उपलब्ध हैं, लेकिन इनका उपयोग लाख की खेती के लिए पूर्ण रूप से नहीं हो रहा है. किसान इन अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठायें. वातावरण में बदलाव के कारण सामान्य कृषि पैदावार पर जो विपरीत प्रभाव पड़ा है, उसकी भरपाई के लिए लाख की खेती बेहतर विकल्प है. सांसद रामटहल चौधरी ने आइआइएनआरजी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उसके माध्यम से झारखंड सहित देश के दूसरे राज्यों के किसानों को होनेवाले प्रत्यक्ष व परोक्ष लाभ को सराहनीय कदम बताया. सांसद महेश पोद्दार ने किसानों के लिए बाजार उपलब्ध कराने व लाह की खेती तथा प्रोसेसिंग से जुड़े लोगों के विकास के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही. विधायक रामकुमार पाहन व बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने भी किसानों को संबोधित किया. राज्यपाल ने संस्थान की उत्पाद प्रदर्श इकाई स्थित पायलट संयंत्र व संस्थान अनुसंधान प्रक्षेत्र, संग्रहालय व प्रयोगशालाअों को भी देखा. मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ केके शर्मा, कार्यक्रम के संयोजक डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अंजेश कुमार सहित वैज्ञानिक व कर्मचारी उपस्थित थे.
लाह की खेती में उल्लेखनीय योगदान करनेवाले सम्मानित
लाह की खेती में उल्लेखनीय योगदान करनेवाले किसानों को सम्मानित किया गया. इनमें श्रवण कुमार शुक्ला ( महासमुंद), लोकेश्वर सिन्हा (कांके), मंशाराम महतो (पुरूलिया), बालेश्वर बेदिया (पुटादाग रांची), बिंदास सियाम (मेघालय) शामिल हैं. साथ ही लाख प्रोत्साहन एग्जिक्यूटिव अवार्ड क्लिडमम, मेघालय को तथा ग्रामीण उद्यमिता पुरस्कार विलासमणी देवी (सिमडेगा) व रीमा कुजूर (खूंटी) को दिया गया. उत्कृष्ट लाख उद्यमी का पुरस्कार छत्तीसगढ़ के मनीष कुमार अग्रवाल को दिया गया.
इन्होंने लगाया था स्टॉल
मेले में बिरसा कृषि विवि, केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नगड़ी, एसबीआइ नामकुम शाखा, हार्प, पलांडू, धरती धन, प्रिया एग्रिको सहित 24 संस्थानों ने स्टॉल लगाया था. मेला में झारखंड सहित पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा मेघालय से आये लगभग 800 किसानों ने भाग लिया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement