सनद रहे कि हाल के दिनों में कैंसर का दुष्प्रभाव बढ़ा है. इसका उपचार महंगा होता है और मरीजों को कीमोथेरेपी की जरूरत होती है. पैसे और साधन के अभाव में मरीज निर्धारित अवधि में यह सुविधा नहीं ले पाते हैं. स्वास्थ्य विभाग यह व्यवस्था करने जा रहा है कि सदर अस्पतालों में उपलब्ध विशेषज्ञों की देख-रेख में कीमोथेरेपी सेंटर की व्यवस्था डे केयर सेंटर के रूप में की जायेगी.
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सभी सदर अस्पतालों में खुलेगा कीमोथेरेपी सेंटर
रांची: कैंसर के बढ़ रहे मरीजों व सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुछ अलग व्यवस्था की है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी सदर अस्पतालों में कीमोथेरेपी सेंटर की स्थापना की तैयारी की है. सनद रहे कि हाल के दिनों में कैंसर का दुष्प्रभाव बढ़ा है. इसका […]
रांची: कैंसर के बढ़ रहे मरीजों व सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुछ अलग व्यवस्था की है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी सदर अस्पतालों में कीमोथेरेपी सेंटर की स्थापना की तैयारी की है.
सनद रहे कि हाल के दिनों में कैंसर का दुष्प्रभाव बढ़ा है. इसका उपचार महंगा होता है और मरीजों को कीमोथेरेपी की जरूरत होती है. पैसे और साधन के अभाव में मरीज निर्धारित अवधि में यह सुविधा नहीं ले पाते हैं. स्वास्थ्य विभाग यह व्यवस्था करने जा रहा है कि सदर अस्पतालों में उपलब्ध विशेषज्ञों की देख-रेख में कीमोथेरेपी सेंटर की व्यवस्था डे केयर सेंटर के रूप में की जायेगी.
हर सदर अस्पताल में ट्राॅमा सेंटर : बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारण जान-माल की क्षति कम करने के लिए सभी सदर अस्पतालों में ट्राॅमा सेंटर बनाने की योजना है. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. केंद्र से अब तक हजारीबाग, कोडरमा तथा पलामू में सेंटर खोलने की स्वीकृति दे दी गयी है. इसके लिए एमओयू भी हो चुका है. आगामी वित्तीय वर्ष में सभी जिलों में यह व्यवस्था की जायेगी.
सभी सदर अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में शव वाहन : सरकारी अस्पतालों में उपचार के दौरान हुई मौत के बाद शव ले जाने में परिजनों को काफी दिक्कत होती है. प्राइवेट गाड़ी वाले ज्यादा पैसे मांगते हैं. गत दिनों कई राज्यों में व्यवस्था नहीं होने से कंधे पर शव ले जाने की घटनाएं सामने आयी है. इन सब कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी सदर अौर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में शव वाहन की व्यवस्था होगी. इसका संचालन पीपीपी मोड पर होगा.
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