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विधानसभा: बाधित रही कार्यवाही, वेल में घुसा झामुमो, बोले सीएम सीएनटी, एसपीटी पर मुंडा के सुझावों का होगा पालन

रांची : सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में शनिवार को भी विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही. पहली पाली में सदन सिर्फ 17 मिनट ही चल सका. दूसरी पाली में झामुमो के विधायक वेल में बैठे रहे. इस दौरान बजट पर आयोजित सामान्य वाद-विवाद के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार का पक्ष […]

रांची : सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में शनिवार को भी विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही. पहली पाली में सदन सिर्फ 17 मिनट ही चल सका. दूसरी पाली में झामुमो के विधायक वेल में बैठे रहे. इस दौरान बजट पर आयोजित सामान्य वाद-विवाद के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार का पक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की जमीन कोई नहीं छीन सकता है.

प्रधानमंत्री ने जो बातें कही हैं, उनका पालन होगा. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य परिषद की बैठक में इसका समर्थन किया था. अर्जुन मुंडा ने जो भी सुझाव दिये हैं, उनका अक्षरश: पालन किया जायेगा. सरकार ने उनके सुझाव पर काम करना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान झामुमो विधायकों ने वॉक आउट कर दिया.

ऊपर के स्तर पर भ्रष्टाचार खत्म: सीएम ने कहा, इस सरकार में ऊपर के स्तर पर भ्रष्टाचार खत्म हो गया. दो वर्ष में एक भी अफसर या मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे. नीचे के स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार है. इसे समाप्त किया जायेगा. इसके लिए आइटी का प्रयोग अधिक से अधिक हो रहा है. बिचौलिये खत्म हो रहे हैं. इसमें सत्ता के साथ-साथ विपक्ष का भी सहयोग चाहिए.
2022 तक हर गरीब को घर : मुख्यमंत्री ने कहा : 2022 तक सरकार हर गरीब को घर देगी. बड़े-बड़े शहरों की जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्जा है, कहीं लाठी से तो कहीं राजनीति से. आनेवाले समय में इसे समाप्त किया जायेगा. उन्होंने कहा : बजट किसी सरकार का खराब नहीं होता है. इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाता है. वर्तमान सरकार ने इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है. एक-एक योजना की बेहतर मॉनिटरिंग होगी. काम नहीं करनेवाले अधिकारियों की छुट्टी की जायेगी. उन्होंने कहा : चालू वित्तीय वर्ष में अब तक करीब 60 फीसदी राशि खर्च हो गयी है. वित्तीय वर्ष के समाप्त होने तक खर्च 90 फीसदी हो जायेगा. ऐसा पूर्व की सरकारों में कभी नहीं हुआ है.
सदन में बोले मुख्यमंत्री
2019 तक वंचितों को बुनियादी सुविधा पहुंचा देंगे
फरवरी में शुरू हो जायेगा नगड़ी का फूड प्रोसेसिंग प्लांट
डोभा के साथ 16 हजार पशु शेड व 26 हजार कुएं भी बनाये गये
फसल कृषि बीमा के 223 करोड़ के दावे में 84 करोड़ का भुगतान किया गया
2016-17 तक 5402 करोड़ का डीसी बिल लंबित, इसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है
क्या कहा था अर्जुन मुंडा ने
संशोधन से आदिवासी हितों की क्षति होगी. प्रदेश की डेमोग्राफी में भी परिवर्तन होगा
सीएनटी एक्ट की धारा 50 और 53 में सरकार को जनोपयोगी कार्य के लिए जमीन लेने का अधिकार प्राप्त है. ऐसे प्रावधानों के रहने के बावजूद संशोधन की क्या आवश्यकता हुई.
सरकार आदिवासियों का भला व विकास चाहती है, तो उनकी कठिनाइयों का अध्ययन कर उन्हें दूर करने के लिए साथ खड़ी रह सकती है
आदिवासियों की जमीन से जुड़ी मुख्य समस्याएं हैं. गृह निर्माण और अन्य कार्यों के लिए ऋण नहीं मिलता है. थाना के अंतर्गत ही खरीद-बिक्री की पाबंदी आदि है. इन समस्याओं का कैसे समाधान हो, इस पर सरकार को मंथन करना चाहिए.
सरकार को आदिवासियों से गैर कानूनी तरीके से छीनी गयी जमीन को वापस दिलाने का ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए. अपनी नीतियों से उनका विश्वास जीतने का काम करना चाहिए न कि उनकी नाराजगी व संशय बढ़ाने का.
उठी मांग, 10 करोड़ हो विधायक निधि
रांची. विधानसभा में विधायक निधि बढ़ाने की मांग उठी. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने इसका समर्थन किया. सदन की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि विधायक निधि से जनता के विकास के छोटे-छोटे काम होते हैं. ऐसे में विधायक निधि की राशि बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये करना जरूरी हो गया है. इस पर भानु प्रताप शाही ने कहा कि विधायक निधि की राशि 2007-08 में बढ़ी थी. समय के साथ लागत बढ़ कर दोगुनी हो गयी है. इससे परेशानी हो रही है. पहले जितनी राशि में 100 फीट रास्ते का इस्टीमेट बनता था, अब उतनी में 50 फीट का ही बन रहा है. वर्तमान में विधायक निधि की राशि तीन करोड़ है.

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