सरकार की मंजूरी के बाद जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया. सरकार को भेजे गये प्रस्ताव में जिन 15 आपराधिक मामलों का जिक्र किया गया है, उसमें से एक मामले में योगेंद्र साव अदालत से बरी हो चुके हैं. मामला केरेडारी थाना कांड संख्या-60/2003 है. यह मामला 23 नवंबर 2003 को भादवि की धारा 147, 148, 149, 336, 323, 338 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दर्ज किया गया था. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में योगेंद्र साव के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. ट्रायल के बाद अदालत ने योगेंद्र साव को बरी कर दिया था.
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जिस मामले में योगेंद्र साव बरी सीसीए प्रस्ताव में उसका भी जिक्र
रांची: पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर सरकार ने क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगाने का आदेश जारी किया है. सीसीए लगाने का प्रस्ताव हजारीबाग जिला प्रशासन ने सरकार को भेजा था. जिला प्रशासन ने योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज 15 मामलों का जिक्र करते हुए उनके खिलाफ सीसीए लगाने का प्रस्ताव भेजा था. सरकार की […]
रांची: पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर सरकार ने क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगाने का आदेश जारी किया है. सीसीए लगाने का प्रस्ताव हजारीबाग जिला प्रशासन ने सरकार को भेजा था. जिला प्रशासन ने योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज 15 मामलों का जिक्र करते हुए उनके खिलाफ सीसीए लगाने का प्रस्ताव भेजा था.
सरकार की मंजूरी के बाद जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया. सरकार को भेजे गये प्रस्ताव में जिन 15 आपराधिक मामलों का जिक्र किया गया है, उसमें से एक मामले में योगेंद्र साव अदालत से बरी हो चुके हैं. मामला केरेडारी थाना कांड संख्या-60/2003 है. यह मामला 23 नवंबर 2003 को भादवि की धारा 147, 148, 149, 336, 323, 338 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दर्ज किया गया था. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में योगेंद्र साव के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. ट्रायल के बाद अदालत ने योगेंद्र साव को बरी कर दिया था.
भय से लोग नहीं दर्ज कराते प्राथमिकी
प्रस्ताव में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि योगेंद्र साव और उसके गिरोह के द्वारा हजारीबाग के केरेडारी, बड़कागांव, गिद्दी, उरीमारी, चतरा के टंडवा, सिमरिया, लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र में कई संगीन अपराधों को अंजाम दिया गया है. प्रस्ताव में जिन 15 आपराधिक मामलों का जिक्र किया गया है, उसमें उरीमारी, सिमरिया व बालूमाथ थाना में दर्ज कोई मामला नहीं है. हालांकि प्रस्ताव में यह लिखा गया है कि योगेंद्र साव के गिरोह के भय से आम लोग उनके खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज कराते हैं और न ही अदालत में कोई भी गवाही देने आता है. चूंकि योगेंद्र साव के गिरोह के कई सदस्य अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं, इसलिए जेल से छूटने के बाद योगेंद्र साव द्वारा लोगों को डरा कर आपराधिक घटना को अंजाम दिये जाने की संभावना है. यही कारण है कि उनके खिलाफ सीसीए को तहत कार्रवाई जरूरी है.
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