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2020 तक 2000 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य
विवेक चंद्र रांची : राज्य सरकार ने वर्ष 2020 तक झारखंड में 2000 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार को कई कंपनियों ने प्रस्ताव दिया है. विभिन्न कंपनियों ने राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के […]
विवेक चंद्र
रांची : राज्य सरकार ने वर्ष 2020 तक झारखंड में 2000 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार को कई कंपनियों ने प्रस्ताव दिया है. विभिन्न कंपनियों ने राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश करने पर रुचि दिखायी है. केंद्र सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोलर पावर प्लांट के लिए राज्य सरकारों को खास तौर पर निर्देश दिया गया है. ऊर्जा विभाग और जेरेडा द्वारा इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा के प्लांट लगे.
ज्यादा धूप, ज्यादा बिजली : जेरेडा के परियोजना पदाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि झारखंड में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है. देश के अन्य राज्यों में औसतन 250 दिन के करीब ही धूप रहती है. वहीं झारखंड में साल भर में करीब 300 दिन धूप रहती है. उन्होंने बताया कि निजी कंपनियां झारखंड में सोलर पावर के क्षेत्र में निवेश करने को तत्पर हैं.
केइएमपी ग्रीन एनर्जी ने 10752 करोड़ रुपये का निवेश करते हुए एक हजार मेगावाट का पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है. इस प्लांट से बनने वाली बिजली 8.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से राज्य को मिलेगी. इसी तरह वरीं फैंसा ने 100 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है. ब्लू चीप ने सौ मेगावाट और सेन्फ्रा ने 250 मेगावाट का प्रस्ताव दिया है. सेन्फ्रा राज्य में 1920 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
तीन कंपनियों के साथ राज्य में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए एमओयू भी किये गये हैं. हिंदुस्तान पावर ने 100 मेगावाट, मिलिनियम पावर ने 10 मेगावाट व एक्मे पावर ने 50 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए एमओयू किया है.
सौर ऊर्जा से रोशन होंगे सरकारी भवन : झारखंड के 52 सरकारी भवन, ऑफिस, स्कूल और हॉस्टल जल्द ही सौर ऊर्जा से रोशन होंगे. राज्य की चार जेलों में भी सोलर प्लांट लगेगा.
अगले नौ महीने में पहले चरण का काम पूरा करने का लक्ष्य है. जेरेडा ने इन भवनों की छत पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप एवं लघु सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार कर लिया है. योजना पर 36.73 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें 11.01 करोड़ केंद्र और 25.72 करोड़ राज्य सरकार देगी. रांची के करीब खूंटी में दो करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से बने 180 किलोवाट का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाया जा चुका है.
पहाड़ों पर लगेगा सोलर पैनल
कंपनियों द्वारा सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार को दिये गये प्रस्तावों के मुताबिक करीब आठ हजार एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. एक मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लगभग चार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में दो हजार मेगावाट के लिए लगभग आठ हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी. जमीन की व्यवस्था कंपनियों को स्वयं ही करनी होगी. विशेषज्ञ बताते हैं कि कंपनियां राज्य में स्थित पहाड़ों का इस्तेमाल सोलर पैनल लगाने में करेंगी, इससे प्रकृति को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा और विस्थापन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
राज्य में अभी केवल 16 मेगावाट का ही है सोलर पावर प्लांट
झारखंड में अभी केवल 16 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है. राज्य में दो सोलर पावर प्लांट ही लगाये जा सके हैं. इसमें से 14 मेगावाट का पावर प्लांट देवघर में लगा है.
यहां उत्पादित बिजली की आपूर्ति देवघर शहर में की जाती है. वहीं सरायकेला-खरसावां में दो मेगावाट का पावर प्लांट लगा है.भारत सरकार की जेनरेशन बेस्ड इन्सेंटिव योजना के तहत राज्य में सोलर पावर प्लांट लगाये गये हैं. सोलर प्लांटों से 18 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली झारखंड बिजली वितरण निगम को मिलती है. निगम पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से सोलर प्लांटों को भुगतान करता है. शेष राशि भारत सरकार बतौर सब्सिडी देती है.
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