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एसीबी ने सरकार से मांगी प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति
रांची: हरमू सहजानंद चौक स्थित आवास बोर्ड की जमीन को रैयती बता कर खरीदने के मामले में एसीबी ने पूर्व होमगार्ड डीजी कुमुद चौधरी को दोषी पाते हुए सरकारी से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी है. कुमुद चौधरी के अलावा हाउसिंग बोर्ड और भू-अर्जन विभाग के कुछ लोगों को दोषी पाया गया है. कुमुद […]
रांची: हरमू सहजानंद चौक स्थित आवास बोर्ड की जमीन को रैयती बता कर खरीदने के मामले में एसीबी ने पूर्व होमगार्ड डीजी कुमुद चौधरी को दोषी पाते हुए सरकारी से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी है. कुमुद चौधरी के अलावा हाउसिंग बोर्ड और भू-अर्जन विभाग के कुछ लोगों को दोषी पाया गया है. कुमुद चौधरी को जमीन लेने में सहयोग करनेवाले अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी सरकार से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी गयी है.
एसीबी ने जांच में पाया है कि कुमुद चौधरी को पहले से यह पता था कि जमीन आवास बोर्ड की है. इसके बावजूद उन्होंने जमीन ली और साथ ही रजिस्ट्री और म्यूटेशन भी कराया. एसीबी ने जांच में पाया कि 1964 में आवास बोर्ड ने 106 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था. उस समय एक रैयत का भी करीब 13 डिसमिल जमीन अधिग्रहण किया गया था. रैयत को इसके एवज में मुआवजा भी मिला था. उसी अधिग्रहित 13 डिसमिल जमीन में से 10 डिसमिल जमीन कुमुद चौधरी ने वर्ष 2007 में खरीदी थी. एसीबी ने जांच में पाया था कि कुमुद चौधरी को जमीन दिलाने के लिए आवास बोर्ड द्वारा अधिग्रहित 13 डिसमिल जमीन के पेपर में भी छेड़छाड़ की गयी थी. 13 डिसमिल जमीन के पेपर में छेड़छाड़ कर उसे तीन डिसमिल कर दिया गया था, ताकि 10 डिसमिल जमीन पर आवास बोर्ड दावेदारी नहीं कर सके और वह भूमि कुमुद चौधरी को उपलब्ध कराया जा सके.
हाइकोर्ट के निर्देश पर शुरू हुई थी जांच
उल्लेखनीय है कि मामले की जांच एसीबी ने हाइकोर्ट के निर्देश पर शुरू की थी. जांच के दौरान एसीबी ने कई लोगों से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान कुमुद चौधरी की संलिप्तता की जानकारी एसीबी को दी गयी थी. मामले में एसीबी की ओर से कुमुद चौधरी से कुछ प्रश्न पूछे गये थे. इसका जवाब देते हुए कुमुद चौधरी ने बताया था कि यह जमीन लेने से पूर्व भी इसी जमीन की खरीद-बिक्री हो चुकी थी. उन्हें यह पता नहीं था कि जमीन आवास बोर्ड की है. उन्होंने मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था.
हाइकोर्ट ने दिया था प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश
आवास बोर्ड की जमीन को कुमुद चौधरी द्वारा लेने के मामले में हाइकोर्ट ने एसीबी को निर्देश दिया था कि अगर मामले में साक्ष्य मिलते हैं, तब एसीबी प्राथमिकी दर्ज कर सकती है. इस मामले में हाइकोर्ट के निर्देश पर प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं हुई, यह पूछने पर एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि कुमुद चौधरी सेवानिवृत्त हो चुकी हैं. लेकिन इस मामले में कुमुद चौधरी के साथ-साथ द्वितीय श्रेणी के कुछ अफसरों को दोषी पाया गया है. सरकार का संकल्प है कि द्वितीय श्रेणी के अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सरकार की अनुमति चाहिए. इसलिए मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी गयी है.
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