रांची : हरमू नदी के सौंदर्यीकरण का काम पिछले जून माह से बंद है. 15 मार्च 2015 को सरकार ने हरमू नदी को विकसित करने के लिए शिलान्यास किया था. पहले चरण में 85 करोड़ की लागत से 10.40 किमी हिस्से का सौंदर्यीकरण करना था. हरमू पुल व विद्यानगर के आसपास काम शुरू भी हुआ. काम तेजी से चल रहा था, लेकिन भुगतान की मांग को लेकर कंपनी ने काम बंद कर दिया.
नदी के किनारे बनाये गये पाथ वे व गार्डवाल टूटने लगे हैं. पानी से फिर से बदबू आने लगी है. नदी को पुनर्जीवित करने के क्रम में जहां-जहां अतिक्रमण मुक्त कराया गया था, वहां अब दोबारा अतिक्रमण होने लगा है. गरमी के मौसम में जो थोड़ा-बहुत काम हुआ, जून में बारिश शुरू होते ही काम बंद हो गया. काम की गुणवत्ता ऐसी थी कि पहली बारिश में ही नदी के किनारे किये गये प्लास्टर उखड़ने लगे. इस बीच नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने दूसरे चरण की डीपीआर बनाने का भी आदेश दिया है.
क्या है स्थिति : हरमू नदी में गंगानगर से करम चौक तक नदी के दोनों ओर गैबियन वाल व किनारे पर जियोमैट लगा कर हरे-हरे घास व बांस के बाड़ में छोटे-छोटे पौधे लगाये गये थे. पर अब न बांस रहे और न ही पौधे बचे. आनंद नगर व चाला नगर के बीच लोगों ने मिट्टी भर कर उसे सड़क का रूप दे दिया है. नदी के किनारे भैंसों का खटाल भी लग गया है. गोबर हरमू नदी में ही बह रहे हैं. जगह-जगह लोग नदी किनारे खुले में शौच भी करते हैं. मुक्ति धाम के समीप नदी के किनारे बनाये गये गैबियन वाल बह गये. तार की जाली के साथ-साथ पत्थर भी गायब हो चुके हैं. स्थिति यह है हरमू नदी अब अपने पुराने स्वरूप में बदलने लगी है.
अभी जांच कार्य शुरू नहीं हुआ है : हरमू नदी के किनारे बनाये गये गार्डवाल का प्लास्टर टूट चुका है. इस मामले में नगर विकास विभाग ने जांच के आदेश दिये हैं. जांच के लिए विभाग के मुख्य अभियंता श्यामलाल मेहरा के नेतृत्व में जांच कमेटी बनायी गयी है. अभी जांच कार्य शुरू नहीं हुआ है.
22 करोड़ का हो चुका है भुगतान :
ईगल इंफ्रा कंपनी को अब तक 22 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है. कंपनी द्वारा दूसरे किस्त की राशि मांगी जा रही है. पर विभाग ने जांच कार्य पूरी होने तक किसी भी प्रकार के भुगतान पर रोक लगा दी गयी है.
रिपोर्ट आने के बाद ही काम शुरू होगा : सीपी सिंह
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि शिकायत आयी थी कि कहीं प्लास्टर उखड़ गया है. इसके बाद विभाग को जांच का आदेश दिया गया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही काम शुरू होगा. प्रथम चरण के प्राक्कलन को रिवाइज्ड करने का काम भी दिया गया है. अब हरमू नदी के उदगम स्थल से जीर्णोद्धार किया जाना है, ताकि पानी की कमी दूर हो सके. प्रथम चरण में जो भी कमी देखी गयी, उसमें सुधार किया जायेगा.