इस दौरान उन्होंने यह पाया कि करारोपण (टैक्सेशन) पदाधिकारी अजित कुमार गुप्ता के द्वारा व्यवसायिक वाहनों से मैकेनिकल टैक्स के रूप में 1300 रुपये की वसूली की जा रही है. उन्होंने वसूली की रसीद भी जब्त की, जबकि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 200 के तहत धारा 177 में अपराध के लिए पहली बार 100 रुपये और दूसरी बार 300 रुपये वसूलने का प्रावधान है.
परिवहन विभाग द्वारा पहले ही इस तरह का किसी भी टैक्स की वसूली न करने का आदेश दिया गया था. इसी तरह जांच के दौरान यह भी पाया गया कि अस्थायी परमिट के नाम पर दो हजार, पांच हजार, 1500, 1900, 300 रुपये दंड के रूप में वसूली की गयी है. चेकपोस्ट पर उपस्थित करारोपन पदाधिकारी सुमरा भगत से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने आयुक्त को संतोषप्रद जवाब नहीं दिया. इस तरह दोनों अधिकारियों के द्वारा मनमाने तरीके से दंड शुल्क की वसूली की जा रही है. आयुक्त ने लिखा है कि दोनों पदाधिकारी को अवैध वसूली करने, कार्य में लापरवाही बरतने, सरकारी को राजस्व की क्षति पहुंचाने के आरोप में निलंबित करने की अनुशंसा की जाती है.