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कुड़ुख भाषा का राष्ट्रीय सम्मेलन
रांची : कुड़ुख लिटरेरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में कुड़ुख भाषा का राष्ट्रीय सम्मेलन पिछले दिनों अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल) में संपन्न हुआ. इसमें सोसाइटी के झारखंड शाखा के डॉ हरि उरांव व प्रो महेश भगत के नेतृत्व में 25 सदस्यीय दल ने भाग लिया. सम्मेलन का उदघाटन जनजातीय आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रामेश्वर […]
रांची : कुड़ुख लिटरेरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में कुड़ुख भाषा का राष्ट्रीय सम्मेलन पिछले दिनों अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल) में संपन्न हुआ. इसमें सोसाइटी के झारखंड शाखा के डॉ हरि उरांव व प्रो महेश भगत के नेतृत्व में 25 सदस्यीय दल ने भाग लिया. सम्मेलन का उदघाटन जनजातीय आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, पद्मश्री सिमोन उरांव व अलीपुरद्वार के सांसद दशरथ तिर्की ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर जनजातीय आयोग के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि जनगणना के समय सभी कुड़ुख भाषी अपनी मातृभाषा कुड़ुख लिखवाये. कुड़ुख भाषा साहित्य की सभी विद्याओं में अधिक-से-अधिक रचना करना होगा. इससे कुड़ुख को आठवीं अनुसूची में शामिल करने में आसानी होगी.
सम्मेलन में प्रो महेश भगत (रांची) की पुस्तक कुड़ुख भाषा साहित्य का उदभव एवं विकास, सोसाइटी द्वारा प्रकाशित कुड़ुख डहरे (शोध पत्रिका) व कुड़ुख अोत पत्रिका का लोकार्पण किया गया. निर्णय लिया गया कि 2017 में कुड़ुख भाषा का राष्ट्रीय सम्मेलन अंबिकापुर में, 2018 में चैन्नई में अौर 2019 में बिहार में आयोजित होगा. सम्मेलन में सोसाइटी की नयी कार्यकारिणी का गठन हुआ, जिसमें शशिन विनय भगत को झारखंड चैप्टर चीफ तथा डॉ हरि उरांव को कुड़ुख डहरे का प्रधान संपादक चुना गया.
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