रांची: मोहर्रम की चांद की पांचवी तारीख को राजधानी के तमाम अखाड़ों के इमाम बाड़ों में निशान खड़े किये गये़ इमाम बख्श अखाड़ा का कार्यक्रम सेंट्रल स्ट्रीट हिंदपीढ़ी में हुआ, जहां मोहम्मद इसलाम अशरफी के नियाज- फातिहा के बाद निशान खड़ा किया गया़ अस्त्र- शस्त्र का प्रदर्शन भी हुआ़ यहां डीसी मनोज कुमार, एसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी किशोर कुणाल, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर गिरजाशंकर प्रसाद, महावीर मंडल के जयसिंह यादव, राजीव रंजन मिश्र, मौलाना तहजीबुल हसन, मो इसलाम, आफताब आलम व अन्य मौजूद थे़.
इससे पूर्व मो महजूद खलीफा व मो तौफीक के नेतृत्व में अतिथियों का स्वागत गाजा-बाजा के साथ माला, पगड़ी पहना कर व तलवार भेंट कर किया गया़ डीसी व एसएसपी ने आयोजन की प्रशंसा की़ कार्यक्रम का संचालन महासचिव अकीलुर्रहमान ने किया़ मो हुसैन कमांडर, मो शफीक, मो नफीस, मो रिंकू, अशफाक आलम सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे़
उधर, डोरंडा के युनुस चौक, मणिटोला, बेलदार मोहल्ला, कुरैशी मोहल्ला, नाई मोहल्ला, मिस्त्री मोहल्ला, कुम्हार टोली, रहमत कॉलोनी, हाथीखाना, दर्जी मोहल्ला, पारस टोली, न्यू पारस टोली, अंसारी मोहल्ला, गौस नगर, न्यू गौस नगर, ग्वाला टोली, रिसालदार नगर, डोरंडा नदी ग्राउंड, नीम चौक, फिरदौस नगर, कडरू, अरगोड़ा स्टेशन, हज हाउस व अन्य इलाकों में निशान खड़ा किया गया़ अपने- अपने मोहल्लों में गाजे- बाजे के साथ खेल का प्रदर्शन हुआ़
रात के नौ बजे हर इमाम बाड़ा के खलीफा व पांच- पांच लोग युनुस चौक में जुटे और वहां से डोरंडा स्थित करबला गये़ इस दौरान पूजा के मद्देनजर गाजा-बाजा का प्रयोग नहीं किया गया़ वहां से मिट्टी लेकर अपने-अपने मोहल्ले वापस आये़.
इस मौके पर सिराज गद्दी, इरफान गद्दी, मो शमीम, मो इब्राहिम, मो शाहीन, नासिर कुरैशी, मो नूर, मो रोजन, मो अयूब, मो इकबाल, मो शमशाद, मो परवेज, मो ताजिम, मो शकील, मो सईद, मो शमीम अंसारी, मो शमी, मो इफ्तेखार, मो अकबर, मो जावेद, शमीम अंसारी, मो अलीम, मो कलाम सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे़ अायोजन में सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के मुमताज गद्दी, मौलाना मनीरुद्दीन, मो अलाउद्दीन, नमीमुल हक, मो सरफराज, मो नज्जू, परवेज राइन, मो तन्नू व अन्य ने सक्रिय भागीदारी निभायी़.
12 को ताजिया निकलेगा, पहलाम का जुलूस 13 को
सेंट्रल मोहर्रम कमेटी, डोरंडा के अध्यक्ष अशरफ अंसारी ने बताया कि 12 अक्तूबर की रात को ताजिया निकाला जायेगा़ इसे अपने अपने क्षेत्र में घुमाया जायेगा़ 13 को अपराह्न तीन बजे पहलाम का जुलूस निकालेंगे, जो झंडा चौक, युनुस चौक, तुलसी चौक, हाई कोर्ट, राजेंद्र चौक होते हुए डोरंडा करबला जायेगा़ उन्होंने बताया कि 12 अक्तूबर को युनुस चौक में रात नौ बजे रस्मे पगड़ी का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें उपायुक्त, सीनियर एसपी, डोरंडा की दुर्गा पूजा समिति, काली पूजा समिति, महावीर मंडल, शृंगार समिति के सदस्यों व अन्य प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रित किया गया है़
अमन के पैगाम को आगे बढ़ाना है : मौलाना कुतुबुद्दीन
मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बताया कि मुहर्रम का चांद नजर आने के साथ नया इसलामी साल शुरू हो जाता है़ इसी मुहर्रम की दसवीं तारीख, यौमे आशुरा, शहादत का दिन है़ इसमें पैगंबर-ए- इसलाम हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमामे हुसैन व उनके पूरे खानदान के 72 लोंगाें ने सच्चाई, इसलाम की सरबुलंदी, हक की लड़ाई और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अपने जान की कुरबानी दी़ यजीदियों ने इमाम हुसैन व उनके लोगों पर हर चीज की पाबंदी लगायी थी़ छोटे- छोटे बच्चों को भी पानी नहीं मिला़ पर इमामे हुसैन ने कभी भी सब्र का दामन नहीं छोड़ा़ हमेशा नमाज पढ़ते रहे, कुरआन की तिलावत करते रहे और इनसानियत का पाठ पढ़ाते रहे़ जिन लोगों ने उन्हें कई चिट्ठियां भेज कर बुलाया था, उन्होंने अन्याय को स्वीकार कराने की हर मुमकिन कोशिश की, मगर इमामे हुसैन व उनके लोगों ने अन्याय व क्रूरता को स्वीकार नहीं किया़ शहादत देकर सच्चाई को हमेशा के लिए बुलंद कर दिया़ दुनिया में इतना गम किसी को नहीं हुआ, जितना इमामे हुसैन को हुआ़ उन्होंने अपने लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए अपने प्यारे नबी के दिये धरोहरों की सुरक्षा के लिए सबकुछ छोड़ दिया़ इसलिए पूरी दुनिया गम मनाती है़ उनकी शहादत से प्रेरणा मिलती है कि क्रूरता के आगे सिर नहीं झुकाना है़ हर तरह के अन्याय को मिटाना है़ जो अमन का पैगाम है, शांति का संदेश है, हक की लड़ाई है, उसे आगे बढ़ाना है़