रांची : रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना झारखंड के लिए महत्वपूर्ण है. जनहित में उठाया गया राज्य सरकार का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा. समाज में शांति व समरसता को मजबूती मिलेगी. इस विश्वविद्यालय से पढ़ कर निकलनेवाले विद्यार्थी बेरोजगार नहीं रहेंगे, बल्कि पुलिस, सेना आैर निजी सुरक्षा एजेंसियों में सीधे रोजगार प्राप्त कर सकेंगे.
तकनीकी रूप से दक्ष लोग अपराध, साइबर अपराध व आतंकवाद जैसी घटनाअों को रोकने में सहायक सिद्ध हो सकेंगे. देश में शांति व्यवस्था, शोध-अनुसंधान को मजबूती मिल सकेगी. नैतिकता में कमी की वजह से कई समस्याएं पैदा होती है. विद्यार्थियों का चयन कर लिया गया है. चार सितंबर से विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू हो जायेगी, यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है. उक्त बातें राज्यपाल सह कुलाधिपति डाॅ द्राैपदी मुरमू ने कही. वे सोमवार को एटीआइ सभागार में झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के उदघाटन समारोह की अध्यक्षता कर रही थीं.
व्याख्याताअों को मिला नियुक्ति पत्र
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पांच पाठयक्रमों के संचालन के लिए संविदा पर व्याख्याताअों की नियुक्ति की गयी है. राज्यपाल सह कुलाधिपति डाॅ द्राैपदी मुरमू ने सिद्धांत चंद्रा (विधि), अभिजीत घोष (जीव विज्ञान), दिलीप कुमार (वनस्पति शास्त्र), आनंद कुमार (मनोविज्ञान), सूची प्रिया (कंप्यूटर विज्ञान), सुनीता रानी (फॉरेंसिक विज्ञान), डाॅ सनत कुमार पांडेय (गणित), डाॅ डीके सिन्हा (रसायनशास्त्र) को नियुक्ति पत्र प्रदान किया.
झारखंड औद्योगिक बल का गठन होगा : सीएम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य विकास के मार्ग पर अग्रसर है. बहुत कम समय में सारी आैपचारिकताएं पूरी करते हुए रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का उदघाटन करना गाैरव की बात है. इस विश्वविद्यालय का असर दो-तीन वर्षों के बाद नजर आने लगेगा. यहां से पढ़ कर निकलनेवाले विद्यार्थी रोजगार प्राप्त कर राज्य व देश की सेवा करेंगे. सुरक्षा में हाथ बंटायेंगे. विश्वविद्यालय में मैट्रिक-इंटर स्तरीय पाठयक्रम भी शुरू हो, ताकि विद्यार्थियों को पुलिस, दारोगा, फोरेंसिक विभाग में बहाली में प्राथमिकता मिले. दक्ष लोगों के आने से अपराधों का अनुसंधान तेजी से हो सकेगा. झारखंड का जामताड़ा जिला व साहेबगंज का उद्धवा प्रखंड देश में साइबर अपराध में नाम कमा रहा है. झारखंड में ऐसे बल की जरूरत है, जो साइबर अपराध पर नियंत्रण लगा सके. साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की जरूरत है. यह जरूरत विश्वविद्यालय पूरा करेगा. युवाअों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड औद्योगिक बल का गठन कर सरकार तकनीकी रूप से दक्ष युवाअों को रोजगार उपलब्ध करायेगी. श्री दास ने अपने अमेरिका भ्रमण के अनुभवों की जानकारी देते हुए कहा कि वहां पर झारखंड के युवा अपनी प्रतिभा से देश का नाम राैशन कर रहे हैं. उच्च शिक्षा में झारखंड राष्ट्रीय आैसत से बहुत पीछे है. झारखंड में पहली बार अलग तरह के उच्च शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं. राज्य के युवाअों को पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़े, इसके लिए पांच मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे है. तीन साल के अंदर राज्य में 100 कॉलेजों की स्थापना कर दी जायेगी. प्रत्येक विधानसभा में एक-एक कॉलेज खोला जायेगा. महिला कॉलेज खोले जा रहे हैं. गलोबल इकोनॉमी में झारखंड के युवा अपनी प्रतिभा दिखायें, सरकार सहयोग करेगी. युवाअों के पास डिग्री तो है, रोजगार नहीं है. युवाअों को हुनरमंद बना कर उन्हें रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
अपराधों में कमी लाने में सहायक होगा विवि
शिक्षा मंत्री डाॅ नीरा यादव ने कहा कि हमारी सरकार की सोच अलग है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय भी अलग तरह का है. आज युवाअों में भटकाव आ रहा है. कई अपराध की तरफ चले जाते हैं. यह विश्वविद्यालय युवाअों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम करेगी. अपराधों में कमी लाने में यह विश्वविद्यालय सहायक साबित होगी. यहां पढ़नेवाले विद्यार्थियों के पास पुलिस, सेना, सुरक्षा एजेंसियां, केंद्रीय बलों में जाने का अवसर रहेगा. देश की सुरक्षा में हाथ बंटाने का अवसर भी मिलेगा. उच्च, तकनीकी शिक्षा व काैशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड में स्थापित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय देश का तीसरा विश्वविद्यालय है.
इसके पहले गुजरात व राजस्थान में ही इस तरह का विश्वविद्यालय संचालित है. खूंटी जिला में विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर लिया गया है. इससे पहले राज्यपाल डाॅ मुरमू ने एटीआइ परिसर में विश्वविद्यालय का उदघाटन किया. उदघाटन के बाद उन्होंने क्लास रूम, प्रयोगशाला, सभागार आदि का अवलोकन भी किया. कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बालेंदु शेखर आनंदमूर्ति ने किया. मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव एसके सत्पथी, एटीआइ के निदेशक पीके जाजोरिया, रांची विवि के कुलपति डाॅ रमेश चंद्र पांडेय सहित काफी संख्या में सरकार के अधिकारी, सैन्य अधिकारी, शिक्षाविद्व व विश्वविद्यालय में नामांकित लगभग 179 विद्यार्थी भी उपस्थित थे.