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पलायन को सुरक्षित बनाना होगा
रांची : रोजी-रोटी के लिए कोई वयस्क व्यक्ति कहीं भी आ जा सकता है़ इसे रोकना कानून संगत नहीं है, पर हमें सुरक्षित गमन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है़ उक्त बातें एसोसिएशन ऑफ एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (आली) की रेशमा सिंह ने कही. वह छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ द्वारा झारखंड एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (जतन) के […]
रांची : रोजी-रोटी के लिए कोई वयस्क व्यक्ति कहीं भी आ जा सकता है़ इसे रोकना कानून संगत नहीं है, पर हमें सुरक्षित गमन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है़ उक्त बातें एसोसिएशन ऑफ एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (आली) की रेशमा सिंह ने कही.
वह छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ द्वारा झारखंड एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (जतन) के सहयोय से आयोजित जिलास्तरीय कार्यशाला में बोल रहीं थी. बिरसा चौक स्थित होटल पार्क इन में आयोजित उक्त कार्यशाला का विषय ‘सुरक्षित पलायन व गतिशीलता को बढ़ावा’ रखा गया था.
इस अवसर पर छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ के निदेशक डॉ राहुल मेहता ने कहा कि कानून हैं, पर जानकारी के अभाव में ग्रामीण उनका लाभ नहीं उठा पाते हैं. डॉ कल्याणी मीणा ने पलायन तथा इससे जुड़े भेदभाव, हिंसा व दुर्व्यवहार (महिलाओं के साथ) पर प्रकाश डाला़ वहीं प्रतिज्ञा से जुड़े चंदन कुमार ने पलायन के साथ जुड़े मानव व्यापार पर जानकारी दी.
रोजी-रोजगार के लिए नियमित पलायन करनेवालों ने बताया कि आज भी अनेक ग्रामीण मजबूरी में दूसरे राज्यों में पलायन करने को विवश है़ वहां पेयजल, शौचालय, आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव होता है़ कई बार मारपीट भी की जाती है़
1000 ईंट ढोने पर महिलाओं को 130 रुपये और पुरुषों को 160 रुपये मिलते है़ महर्षि मेंहीं कल्याण केंद्र की अनिता देवी, जग्गनाथपुर थाना की नयली, पंचोलन तिर्की व हेमा देवी ने भी विचार रखे़
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