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गर्भस्थ शिशु का विकास रोक सकता है पॉलिथीन

रांची : पॉलिथीन का प्रयोग गर्भस्थ शिशु के विकास को भी रोक सकता है. पाॅलिथीन के ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है. इससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास रुक जाता है और प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचता है. एरिजोना राज्य विश्वविद्यालय और बायोडिजाइन संस्थान […]

रांची : पॉलिथीन का प्रयोग गर्भस्थ शिशु के विकास को भी रोक सकता है. पाॅलिथीन के ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है. इससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास रुक जाता है और प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचता है.
एरिजोना राज्य विश्वविद्यालय और बायोडिजाइन संस्थान में पर्यावरण जैव प्रौद्योगिकी के सहायक निदेशक प्रो रॉल्फ हाल्डेन ने वैज्ञानिक मानव स्वास्थ्य के लिए पॉलिथीन के खतरों के विषय में सर्वेक्षण किया है. मानव स्वास्थ्य के लिए उनके निष्कर्ष चौंकाने वाले हैं. प्रो हाल्डेन का रिसर्च बताता है कि पॉलिथीन के अवयव मानव शरीर के अंदर चले जाते हैं. पॉलिथीन के अवयव खाना खाने और पानी पीने के अलावा अन्य रास्तों से भी मानव शरीर में पहुंचता है. पॉलिथीन का संपर्क सांस और त्वचा संबंधी रोगों के अलावा कैंसर का खतरा भी बढ़ा रहा है.
बोतलबंद पानी और पैकेज्ड फूड भी खतरनाक
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लास्टिक में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और सिलिकॉन रासायनिक रूप से एक साथ जुड़े होते हैं. प्लास्टिक पॉलिमर अणुओं की लंबी शृंखला है. गरमी या देर तक गीले वातावरण में रासायनिक प्रतिक्रिया होती है. इसका असर विषैला होता है. ज्यादा समय तक रखा गया बोतलबंद पानी, पैकेज्ड फूड या लंबे समय तक इस्तेमाल की जा रही प्लास्टिक की बोतल और अन्य सामग्री जानलेवा साबित हो सकती है. अपने विषाक्त घटकों के कारण प्लास्टिक पानी को नमकीन बना सकता है. इसके विषैले घटक शिशुओं और बच्चों के मस्तिष्क, व्यवहार और प्रोस्टेट ग्रंथि पर प्रभाव छोड़ सकता है.
कैंसर का खतरा
जरूरी है विकल्प
प्रो हाल्डेन की रिपोर्ट में पॉलिथीन के विकल्प को लागू करना समूचे विश्व के लिए निहायत ही जरूरी बताया गया है. पॉलिथीन के विषैले रासायनिक प्रतिक्रिया के उदाहरण देते हुए इसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी परेशानियों को निराकरण न होना वैश्विक चिंता का कारण बताया है.
यदि अपने संस्थान, प्रतिष्ठान, स्कूल, कॉलेज, साेसाइटी, घर काे पॉलिथीन फ्री किया है, ताे हमें बतायें. आपकी बातें हम पाठकाें तक पहुंचायेंगे, ताकि वह भी इससे प्रेरणा लेकर मुहिम में शामिल हाें. पॉलिथीन के खिलाफ काेई मुहिम भी चलाते हैं, ताे इसका भी ब्याेरा हमें भेजें. आप अपना ब्याेरा मेल आइडी vivek.chandra@prabhatkhabar.in पर भेजें.

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