रांची: झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा है कि एएसआइ रैंक में प्रोन्नति देने में विलंब होने से पुलिसकर्मी आक्रोश में हैं. पहले श्रावणी मेला और अब दुर्गा पूजा के नाम पर प्रोन्नति को लटकाया जा रहा है. अगर पुलिस मुख्यालय एसोसिएशन की मांगों पर ध्यान नहीं देता है, तो एसोसिएशन आंदोलनात्मक रुख तय करेगा.
उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि पुलिस मेंस एसोसिएशन के सदस्य दुर्गा पूजा के बाद प्रोन्नति देने की खबर से अाक्रोशित हैं. पुलिस मुख्यालय के ढुलमुल रवैये के कारण विलंब हो रहा है. इसका विरोध व निंदा की जाती है. साथ ही अविलंब प्रोन्नति देने की मांग की जाती है.
जारी बयान में कहा गया है कि करीब 10 माह पहले मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस के जवानों से साल में 13 माह का वेतन और पर्व-त्योहार के दिन ड्यूटी के बदले पैसा देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इससे पुलिसकर्मियों में असंतोष है. एसोसिएशन ने वरदी भत्ता को 4000 रुपये से बढ़ा कर 6000-7000 करने, विशेष कर्तव्य भत्ता में बढ़ोतरी करने की मांग की. सरकार के दूसरे विभाग के कर्मचारी छह से आठ घंटा काम करते हैं, पर पुलिसकर्मी 24 घंटे की ड्यूटी करते हैं. इसलिए विशेष कर्तव्य भत्ता को 65 रुपये से बढ़ा कर पांच हजार रुपये किया जाये. पुलिसकर्मी व उनके परिवार के लोगों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करायी जाये. एसोसिएशन ने इलाज के लिए कल्याण कोष की राशि में से पुलिसकर्मियों को कर्ज दिये जाने के पुलिस मुख्यालय के फैसले का भी विरोध व निंदा की है.
मेस में हो सरकारी रसोइया : एसोसिएशन ने रांची पुलिस लाइन में निजी व्यक्ति के द्वारा होटल बनवा कर पुलिसकर्मियों को भोजन देने की व्यवस्था किये जाने का विरोध किया है. जारी बयान में कहा गया है कि रांची पुलिस लाइन के कार्यकलापों की जांच करायी जाये.
अफसरों के कारण लटकी 300 सिपाहियों की प्रोन्नति
राज्य पुलिस के 3200 सिपाहियों को एएसआइ रैंक में प्रोन्नति देने की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच यह पता चला है कि पुलिस मुख्यालय के अफसरों के कारण करीब 300 सिपाहियों की प्रोन्नति लटक गयी है. जानकारी के मुताबिक सिपाहियों को प्रोन्नति देने से पहले उन्हें पीटीसी में प्रशिक्षण लेना होता है और परीक्षा पास करनी होती है. करीब 300 सिपाही किसी न किसी विषय में फेल कर गये. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने ऐसे सिपाहियों के लिए कभी परीक्षा ही नहीं आयोजित की और अब उन्हें पीटीसी ट्रेनिंग में फेल बता कर उनकी प्रोन्नति रोक दी गयी है. पुलिस मेंस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राकेश पांडेय के मुताबिक परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय के अफसरों को है, न कि फेल होनेवाले सिपाहियों की. इस तरह अफसरों की गलती की सजा सिपाहियों को दी जा रही है.