आयें और बात करें. उनके सुझाव बहुमूल्य हैं, उनके सुझावों पर खाद्य आपूर्ति विभाग काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि बायोमिट्रिक सिस्टम पूरे राज्य में लागू किया जायेगा. दूसरे चरण में इसे अक्तूबर महीने से राज्य के 10 जिलों में और नवंबर में छह जिलों में लागू करना था, पर अब तकनीकी कारणों से यह व्यवस्था एक महीने विलंब से लागू की जायेगी.
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केवल भाजपा के विरोध के लिए कार्यों की आलोचना ठीक नहीं : सरयू
रांची: खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने 16 अगस्त से राज्य के आठ जिलों में लागू किये गये बायोमिट्रिक सिस्टम से राशन कार्ड वितरण प्रणाली की व्यवस्था पर प्रेस कांफ्रेंस किया. राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने और कार्डधारी को निर्धारित मात्रा में राशन का आवंटन सुनिश्चित करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल को कारगर […]
रांची: खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने 16 अगस्त से राज्य के आठ जिलों में लागू किये गये बायोमिट्रिक सिस्टम से राशन कार्ड वितरण प्रणाली की व्यवस्था पर प्रेस कांफ्रेंस किया. राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने और कार्डधारी को निर्धारित मात्रा में राशन का आवंटन सुनिश्चित करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल को कारगर बताया. मंत्री ने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज द्वारा झारखंड में बायोमिट्रिक सिस्टम से राशन वितरण प्रणाली को फेल बताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री से इस व्यवस्था को वहां लागू नहीं करने का निवेदन करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. श्री राय ने कहा : ज्यां द्रेज और उनके साथियों से बौद्धिक ईमानदारी अपेक्षित है.
केवल भाजपा का विरोध करने के लिए 2014 के बाद से किये जा रहे कार्यों की आचोलना ठीक नहीं है. मीडिया में चल रहा है कि श्री द्रेज नीतीश सरकार को बता रहे हैं कि झारखंड में यह योजना फेल है, जबकि राशन वितरण में बायोमिट्रिक का इस्तेमाल अभी शुरू ही हुआ है. पहले चरण में राज्य के आठ जिलों में इसे लागू किया गया. शुरुआत में कठिनाइयां हो रही हैं, लेकिन उसका त्वरित निबटारा भी किया जा रहा है. सबको राशन मिलना सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरों पर व्यवस्था की गयी है. बायोमिट्रिक सिस्टम की ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवस्था के अलावा मोबाइल के जरिये भी राशन दिया जा रहा है. जिनके पास मोबाइल नहीं है, उनको सरकार के अधीनस्थ अफसर द्वारा सत्यापन कराकर राशन सुलभ कराया जा रहा है. भविष्य में बायोमिट्रिक की सहायता खाद-बीज वितरण से लेकर आधार से लिंक होनेवाली सभी योजनाओं में ली जा सकती है. योजना की शुरुआत में ही उस पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. श्री द्रेज और उनके साथियों का हमेशा स्वागत है. वह केवल आलोचना न करें, विकल्प बतायें.
मंत्री ने कहा कि यह बात पूरी तरह से गलत है कि शारीरिक खामियों की वजह से किसी को राशन नहीं मिल रहा है. कुष्ठ कॉलोनी में सभी लोगों को राशन मिल रहा है. वहां कुल 172 परिवार रहते हैं, उनमें से 112 लोगों ने बायोमिट्रिक सिस्टम लागू होने के बाद राशन उठाया है. 12 लोगों ने मोबाइल के जरिये राशन लिया. बाद में नौ और लोगों की पहचान की गयी़ कॉलोनी में 29 लोगों के पास मोबाइल नहीं है. उन्हें सरकार के अधिकारी की पहचान के आधार पर राशन सुलभ कराने की प्रक्रिया चल रही है.
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