रांची पुलिस की टीम ने प्राथमिकी के डेढ़ साल बाद निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बीएस तोमर को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. निम्स की ही छात्रा ने उन पर दुष्कर्म का प्रयास व छेड़खानी का आरोप लगाया था. गिरफ्तारी के बाद ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाने के लिए उन्हें जयपुर न्यायालय में पेश किया, जहां […]
रांची पुलिस की टीम ने प्राथमिकी के डेढ़ साल बाद निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बीएस तोमर को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. निम्स की ही छात्रा ने उन पर दुष्कर्म का प्रयास व छेड़खानी का आरोप लगाया था. गिरफ्तारी के बाद ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाने के लिए उन्हें जयपुर न्यायालय में पेश किया, जहां से ले जाने की अनुपति मिल गयी.
रांची: पुलिस की टीम ने निम्स यूनिवर्सिटी की एक छात्रा से रांची में दुष्कर्म का प्रयास और छेड़खानी के आरोप में निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ बीएस तोमर को मंगलवार को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी जयपुर के मोती डुंगरी थाना क्षेत्र स्थित उनके घर से हुई. गिरफ्तार के बाद उन्हें पूछताछ के लिए थाना लाया गया.
ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाने के लिए उन्हें जयपुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से अनुपति मिल गयी. डॉ बीएस तोमर को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने सोमवार को चुटिया इंस्पेक्टर बीके भारती और सदर थाना प्रभारी भोला प्रसाद सिंह को जयपुर भेजा था. रांची पुलिस की टीम ने इस बार स्थानीय थाना काे पुलिस छापेमारी से पहले सूचना नहीं दी थी. दूसरे थाना की पुलिस से डॉ बीएस तोमर के आवास के बारे में जानकारी एकत्र की. इसके बाद बीएस तोमर के घर पहुंच कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
उल्लेखनीय है कि रांची निवासी निम्स यूनिवर्सिटी की छात्रा ने डॉ बीएम तोमर के खिलाफ चुटिया थाने में छह फरवरी, 2015 को केस दर्ज कराया था. केस में डॉ बीएस तोमर पर दुष्कर्म का प्रयास और छेड़खानी का आरोप था. छात्रा का यह भी आरोप था कि डॉ बीएस तोमर रांची में एक न्यूज चैनल के एनॉग्रेशन कार्यक्रम में आये थे. तब उन्होंने छात्रा को स्टेशन रोड स्थित एक होटल में बुलाया था. जहां वह छात्रा को एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यूरोप भेजने की बात कह गलत व्यवहार करने लगे. छात्रा का यह भी आरोप था डॉ तोमर उन्हें क्लास खत्म होने के बाद भी अपने चेंबर में बुलाते थे. छात्रा से फोन पर भी बीएस तोमर अश्लील बात करते थे, जिसका ऑडियो रिकॉर्डिंग भी छात्रा ने पुलिस को उपलब्ध करायी थी. पुलिस ने अनुसंधान में आरोप सही पाये जाने पर उनकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट लिया था. गिरफ्तारी से पूर्व पुलिस की टीम कई बार जयपुर स्थित उनके आवास पर पहुंची, लेकिन तोमर अपने घर पर नहीं मिलते थे.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद डॉ तोमर ने न्यायालय से जमानत लेने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली थी. वह पुलिस की नजर में फरार चल रहे थे. जब पुलिस उनके बारे में जानकारी एकत्र करती, तो पुलिस को पता चलता कि वह विदेश में हैं. पिछले माह पुलिस को सूचना मिली थी कि वह जयपुर पहुंचे हैं. करीब 15 दिन पहले पुलिस की एक टीम को जयपुर भेजा गया था, लेकिन तब पुलिस की टीम उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी थी.
दो माह पहले इंस्पेक्टर ने दिया केस का चार्ज
चुटिया थाने में डॉ बीएस तोमर के खिलाफ दर्ज मामले का अनुसंधान इंस्पेक्टर और दारोगा रैंक के कई पुलिस अधिकारी कर चुके हैं. केस के अंतिम अनुसंधानक चुटिया के तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर आइडी चौधरी थे. उन्होंने कई माह तक केस को दबाये रखा. उन्होंने बीएम तोमर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. चुटिया सर्किल इंस्पेक्टर से पद से ट्रांसफर होने के बावजूद भी उन्होंने केस का चार्ज नहीं दिया था. जब एसएसपी को मामले की जानकारी मिली, तब उन्होंने केस का चार्ज सौंपने का निर्देश दिया. करीब दो माह पूर्व इंस्पेक्टर आइडी चौधरी ने केस का चार्ज चुटिया थाना के वर्तमान थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बीके भारती को सौंपा था.