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सभी को सम्मान से जीने का अधिकार
रांची : शांति अौर मानवता अभियान के तहत रविवार को कर्बला चौक स्थित गुलशन सभागार में परिचर्चा का आयोजन हुआ. मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बरला ने कहा कि हमारा समाज विभिन्न जातियों अौर धर्मों का गुलदस्ता है. इसे कितनी खूबसूरती से सजा सकते हैं, यह हमारी इनसानियत पर निर्भर करता है. हर व्यक्ति को […]
रांची : शांति अौर मानवता अभियान के तहत रविवार को कर्बला चौक स्थित गुलशन सभागार में परिचर्चा का आयोजन हुआ. मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बरला ने कहा कि हमारा समाज विभिन्न जातियों अौर धर्मों का गुलदस्ता है. इसे कितनी खूबसूरती से सजा सकते हैं, यह हमारी इनसानियत पर निर्भर करता है.
हर व्यक्ति को शांति व सम्मान के साथ जीने का संवैधानिक अधिकार है, पर अगर कोई किसी के हिस्से से लूटकर खाना चाहता है, तो शांति नहीं हो सकती है. दिल्ली से आयी डॉ अर्शिमा ने कहा कि इनसानियत का मुद्दा धर्म की जड़ तक पहुंचता है. उन्हाेंने कहा : मसजिदों में अौरतों को प्रवेश मिलना चाहिए.
नदीम खान ने कहा कि सत्ता के संरक्षण में ही सदभावना को बिगाड़ने का खेल हो रहा है. पिछले दो सालों में 350 से अधिक मामले फसाद या दंगे की सूरत में आये. जरूरी है कि सदभावना पर चर्चा इकतरफा न हो. फिर भी अमन या शांति की दिशा में की जा रही यह पहल काबिले तारीफ है. जफर इमाम ने कहा कि हम खुशकिस्मत हैं कि हिंदुस्तान जैसे देश में पैदा हुए हैं जो अमन, शांति व अहिंसा की वकालत करता है.
हालांकि ऐसा लगता है कि इस देश में तरक्की महज चंद लोगों की हुई. आदिवासी, दलित, पिछड़े व मुसलिम अभी भी उपेक्षित हैं. हमारा समाज अभी एकजुट है, पर इस एकजुटता के पीछे जो खामोशी है, उसे तोड़नी होगी. कार्यक्रम में मौलाना नुसरत अली, अनिल अंशुमन, कुमार वरुण, सुशांतो मुखर्जी, इबरार अहमद, बलराम सहित अन्य ने भी संबोधित किया.
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