जानकारी के मुताबिक दोनों अधिकारियों ने नौ अगस्त को तोपचांची थाना पहुंच कर पुलिसकर्मियों से बात की. उस कमरे का मुआयना किया, जिसमें 17 जून की रात इंस्पेक्टर उमेश कच्छप का शव छत से लटकता पाया गया था. दोनों अधिकारी तोपचांची थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर स्थित शेरे पंजाब होटल भी गये.
होटल के कर्मचारियों से बात की. 10 अगस्त को अधिकारियों ने राजगंज थाना के पुलिसकर्मियों से भी बातचीत की है. उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह और कैबिनेट सचिव एसएस मीणा की कमेटी ने भी की थी. जांच में यह तथ्य सामने आया था कि धनबाद के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, बाघमारा के तत्कालीन एसडीपीओ अनवरुल होदा और हरिहरपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी संतोष रजक के कारण इंस्पेक्टर उमेश कच्छप तनाव और दबाव में थे. यही दबाव व तनाव उनकी मौत का कारण बना. इस रिपोर्ट के आने के बाद सरकार ने एसएसपी सुरेंद्र झा का तबादला कर दिया, वहीं एसडीपीओ और दारोगा को निलंबित कर दिया गया है.