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मार्केटिंग बोर्ड: भ्रष्टाचार में डूबा था बोर्ड, अब छवि सुधारने की कोशिश

झारखंड का मार्केटिंग बोर्ड अपनी छवि सुधारने में लगा हुआ है. मार्केटिंग के अधीन राज्य में कुल 28 बाजार समितियां हैं. 602 ग्रामीण हाटों की देखरेख भी मार्केटिंग बोर्ड ही करता है. एक फीसदी बाजार शुल्क समाप्त कर दिये जाने के कारण ग्रामीण हाटों की बंदोबस्ती भी बंद हो गयी है. ऐसे में बोर्ड को […]

झारखंड का मार्केटिंग बोर्ड अपनी छवि सुधारने में लगा हुआ है. मार्केटिंग के अधीन राज्य में कुल 28 बाजार समितियां हैं. 602 ग्रामीण हाटों की देखरेख भी मार्केटिंग बोर्ड ही करता है. एक फीसदी बाजार शुल्क समाप्त कर दिये जाने के कारण ग्रामीण हाटों की बंदोबस्ती भी बंद हो गयी है. ऐसे में बोर्ड को पिछले दो वर्षों से किसी तरह का राजस्व नहीं मिल रहा है. इससे पूर्व बाजार शुल्क वसूली के कारण ही यहां भ्रष्टाचार के खेल होते थे. उस दाैरान भ्रष्टाचार के जो दाग लगे थे, अब उन्हें कम करने की कोशिश की जा रही है.
रांची: राज्य गठन के बाद मार्केटिंग बोर्ड ने 741 करोड़ रुपये कमाई की. वहीं, राज्य की 28 बाजार समितियों ने वित्तीय वर्ष 2001-02 से वित्तीय वर्ष 2013-14 तक कुल 653.46 करोड़ रुपये की कमाई की. इसमें से करीब 348 करोड़ रुपये खर्च किये गये. वर्तमान वित्तीय बाजार शुल्क खत्म होने के कारण बोर्ड को कोई आय नहीं है.
वर्ष 2001-02 तक राज्य मार्केटिंग बोर्ड को विभिन्न स्रोतों से 87 करोड़ रुपये का आय हुई. इसमें करीब 36.87 करोड़ रुपये खर्च हुए. बोर्ड का करीब 50 करोड़ रुपये का बजट था. करीब 305 करोड़ रुपये बचत के रूप में हैं. मार्केटिंग बोर्ड को कृषि उत्पादन बाजार समिति से बाजार का 25 फीसदी अंशदान के रूप में प्राप्त होता था. छह फीसदी निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी को बोर्ड को देना होता है. जमा राशि और सूद पर भी राशि लगायी गयी है. 28 बाजार समितियों की कमाई बाजार शुल्क और अनुज्ञप्ति शुल्क के रूप में होती थी. इसके अतिरिक्त किराया, जमा राशि पर सूद तथा पुस्तक-पुस्तिकाओं की बिक्री भी शामिल है. कुल बाजारों का ग्राउंट रेंट वसूला जाता है. इसकी संख्या करीब एक दर्जन है. ग्राउंट रेंट का 20 फीसदी भू राजस्व विभाग को दी जाती है.
कर्मचारियों की भारी कमी : मार्केटिंग बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या जरूरत के हिसाब से काफी कम है. इस कमी को ठेका कर्मचारियों से दूर करने की कोशिश की जा रही है. मार्केटिंग बोर्ड में कुल 553 स्वीकृत पद हैं. फिलहाल, 194 नियमित कर्मी ही काम कर रहे हैं, जबिक 87 कर्मचारी संविदा के अाधार पर काम कर रहे हैं, जिन्हें दैनिक मजदूरी दी जाती है. इस तरह मौजूदा समय में बोर्ड में कुल 268 पद रिक्त हैं. मार्केटिंग बोर्ड के अपने अराजपत्रित कर्मचारी होते हैं, जो राज्य सरकार द्वारा पदस्थापित किये जाते हैं. इसमें प्रबंध निदेशक तथा सचिव के साथ-साथ निरागनी के सचिव होते हैं.
बाजार समितियों की स्थिति
वर्ष बाजार शुल्क व अनुज्ञप्ति शुल्क कुल आय कुल व्यय
2011-12 3859.73 5528.41 3129.81
2012-13 4063.37 5937.40 2883.72
2013-14 4945.89 18857.81 8732.05
मार्किटेंग बोर्ड की आर्थिक स्थिति
वर्ष बाजार समिति के अंशदान कुल आय कुल व्यय
2011-12 973.21 1213.22 392.82
2012-2013 1085.00 1200.57 447.40
2013-14 1381 1553.94 534.00

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