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पांच साल में भी नहीं बना आश्रम विद्यालय
रांची: हजारीबाग में कल्याण विभाग का आश्रम विद्यालय पांच साल में भी पूरा नहीं हुआ. विद्यालय बनाने के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया देर से शुरू होने की वजह से लागत 2.75 करोड़ रुपये से बढ़ कर 6.27 करोड़ रुपये हो गयी. वहीं पुनरीक्षित प्राक्कलन पर प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही टेंडर कर काम देने […]
रांची: हजारीबाग में कल्याण विभाग का आश्रम विद्यालय पांच साल में भी पूरा नहीं हुआ. विद्यालय बनाने के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया देर से शुरू होने की वजह से लागत 2.75 करोड़ रुपये से बढ़ कर 6.27 करोड़ रुपये हो गयी.
वहीं पुनरीक्षित प्राक्कलन पर प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही टेंडर कर काम देने के मामले में कार्यपालक अभियंता और जिला कल्याण पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.वित्तीय वर्ष 2010-11 में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत हजारीबाग में 2.72 करोड़ की लागत से आश्रम विद्यालय बनाने की योजना स्वीकृत की गयी. जनवरी 2011 में कल्याण विभाग ने भवन निर्माण प्रमंडल हजारीबाग का चयन कार्यकारी एजेंसी के रूप में किया और 2.25 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया. एजेंसी ने तीन साल बाद आश्रम विद्यालय के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया. टेंडर निबटाने के बाद मेसर्स संजय कुमार उपाध्याय को सलैया में आश्रम विद्यालय बनाने का काम दिया. कार्यपालक अभियंता ने 6.27 करोड़ की लागत पर विद्यालय निर्माण के लिए जून 2014 में ठेकेदार के साथ एकरारनामा किया.
कार्यपालक अभियंता ने टेंडर प्रक्रिया से पहले बढ़े हुए प्राक्कलन पर सरकार से प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली. मामला पकड़ में आने के बाद कल्याण विभाग ने फरवरी 2016 में जिला कल्याण पदाधिकारी और कार्यपालक अभियंता के स्पष्टीकरण पूछा, पर अब तक किसी ने जवाब नहीं दिया. दूसरी तरफ ठेकेदार ने एकरारनामा के 12 दिन बाद ही कार्यपालक अभियंता को सूचना दी ग्रामीण आश्रम विद्यालय के निर्माण का विरोध कर रहे हैं.
ग्रामीण यह कहते हुए वहां खेती कर रहे हैं कि यह जमीन उनकी निजी है. ठेकेदार के इस पत्र के बाद आश्रम विद्यालय के लिए भेलवारा में जमीन तलाश कर विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू किया गया. इसे मई 2015 तक पूरा करना था, पर अब तक पूरा नहीं हो सका है. निर्माण मद में ठेकेदार को 3.03 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. काम पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा के करीब नौ माह बाद ठेकेदार ने अवधि विस्तार की मांग की है, पर सरकार के स्तर पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है.
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