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चार वर्षों में 400 प्राथमिकी, नहीं रुकी जंगल की कटाई
रांची : हजारीबाग-बिहार की सीमा पर स्थित दनुअा व भलुआ जंगल में लकड़ी की अवैध कटाई बंद नहीं हो रही है. वर्षों से हो रही जंगली पेड़ों की अवैध कटाई से कभी घना जंगल रहा यह इलाका खाली नजर आने लगा है. लकड़ी के अवैध कारोबारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि जंगल में […]
रांची : हजारीबाग-बिहार की सीमा पर स्थित दनुअा व भलुआ जंगल में लकड़ी की अवैध कटाई बंद नहीं हो रही है. वर्षों से हो रही जंगली पेड़ों की अवैध कटाई से कभी घना जंगल रहा यह इलाका खाली नजर आने लगा है.
लकड़ी के अवैध कारोबारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि जंगल में ही आरा मशीन लगा दी गयी है. इस मामले में वन विभाग के लोग भी अपने को असहाय बताते हैं. उनकी शिकायत पर चौपारण थाने में गत चार वर्षों में करीब चार सौ प्राथमिकी दर्ज हुई है, पर लकड़ी की अवैध कटाई नहीं रुक रही. पुलिस पर निष्क्रिय रहने का भी आरोप है.
स्थानीय रेंज अॉफिसर के मुताबिक इस बड़े जंगली इलाके में निगरानी के लिए उनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं हैं. कुल 11 स्वीकृत पद के विरुद्ध सिर्फ तीन फॉरेस्ट गार्ड हैं. उसी तरह तीन फॉरेस्टर की जगह सिर्फ एक कार्यरत हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार पेट्रोलिंग के लिए उनके पास अच्छी गाड़ी नहीं है. जो है, उसे धकेल कर स्टार्ट करना पड़ता है.
तेल के लिए पैसे की भी कमी रहती है. दरअसल वन विभाग के अधिकारी भी खौफ में रहते हैं. उनका कहना है कि जंगल में घुसते ही उनकी जासूसी की जाती है. इस पूरे मामले के संबंध में एक स्थानीय कार्यकर्ता रामानुज कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायत दर्ज करायी है. वहीं, सीएम सचिवालय की अोर से वन विभाग के प्रधान सचिव को मामला देखने को कहा गया है.
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