रांचीः झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल ने कहा है कि न्याय व्यवस्था पर बोझ कम करने की जरूरत है. इसके लिए (एडीआर) अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज्यूलेशन काफी सहायक सिद्ध हो सकता है. अमेरिका तथा कई विकसित देशों में 70 प्रतिशत से ज्यादा मामले मध्यस्थता (मीडिएशन) के जरिये सुलझाये जाते हैं. भारत में फिलहाल 15 से 20 प्रतिशत मामले मध्यस्थता से सुलझ रहे हैं.
हालांकि, रांची में मध्यस्थता के जरिये विवादों को सुलझाने का काम अच्छे तरीके से हो रहा है. जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा मामले मध्यस्थता के जरिये ही सुलङो. जस्टिस पटेल रविवार को सिविल कोर्ट परिसर में आयोजित मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे. झालसा के सचिव एसके दुबे ने कहा कि झारखंड में मध्यस्थता से जुड़े अधिवक्ता काफी कर्मठ और मेहनती हैं. इनके कारण हमारे यहां मध्यस्थता के मामलों में सफलता दर बढ़ गयी है. प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे.
इससे पूर्व दिल्ली से आये न्यायिक पदाधिकारी मनमोहन शर्मा, जया गोयल व संगीता ढिंगरा सहगल ने सफल मध्यस्थता के टिप्स दिये. मध्यस्थ अधिवक्ताओं ने भी विभिन्न बिंदुओं से जुड़े सवाल सामने रखे. कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के सचिव संतोष कुमार, एलके गिरि, मधुसूदन गांगुली, मनीषा रानी, ममता श्रीवास्तव सहित अन्य शामिल थे.