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ब्रेड की खुदरा बिक्री में आयी कमी
रांची: राजधानी रांची व इसके अासपास के इलाकों में पावरोटी (ब्रेड) की खपत में बेतहाशा कमी हुई है. ब्रेड के खुदरा विक्रेताअों के अनुसार यह कमी 50 से 75 फीसदी तक है. हालांकि ब्रेड निर्माताअों का कहना है कि बिक्री में 10 से 25 फीसदी तक की कमी आयी है. इसकी वजह सप्ताह भर पहले […]
रांची: राजधानी रांची व इसके अासपास के इलाकों में पावरोटी (ब्रेड) की खपत में बेतहाशा कमी हुई है. ब्रेड के खुदरा विक्रेताअों के अनुसार यह कमी 50 से 75 फीसदी तक है. हालांकि ब्रेड निर्माताअों का कहना है कि बिक्री में 10 से 25 फीसदी तक की कमी आयी है. इसकी वजह सप्ताह भर पहले अायी सेंटर फोर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसइ) की रिपोर्ट है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रेड बनाने में उपयोग होने वाला केमिकल पोटैशियम ब्रोमेट तथा पोटैशियम आयोडेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा इससे कैंसर की बीमारी की आशंका बढ़ती है.
गौरतलब है कि पौटैशियम ब्रोमेट तथा पोटैशियम आयोडेट का उपयोग यूके, अॉस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व चीन जैसे देशों में बेकरी इंडस्ट्री में वर्जित है. हालांकि यूएस में ब्रोमेट पर पाबंदी नहीं है. इंटरनेशनल एजेंसी फोर रिसर्च अॉन कैंसर (आइएअारसी) ने वर्ष 1999 में ही पोटैशियम ब्रोमेट के क्लास 2बी कार्सिनोजेनिक (कैंसर की वजह) होने की बात कही थी. इधर, अॉल इंडिया ब्रेड मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन ने साफ कहा है कि उक्त रसायनों का इस्तेमाल अब ब्रेड बनाने में नहीं किया जायेगा.
हमारा ब्रेड खराब नहीं : शहर में बेकरी की एक मशहूर व पुरानी दुकान के संचालक का कहना है कि जो लोग बाजार में ब्रेड भेजते हैं, उसे बेचने के लिए खराब होने से बचाना पड़ता है. रसायन के उपयोग की वजह यही है. उनका कहना है कि वह अपनी दुकान से ही ब्रेड सहित बेकरी के अन्य उत्पाद बेचते हैं तथा किसी रसायन का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उनका ब्रेड एक से दो दिन ही ठीक रहता है. इसका इस्तेमाल जल्दी करना होता है. हम एक दिन की खपत के लायक ही उत्पादन करते हैं.
पहले हमारे यहां 65 बोरा तक मैदा ब्रेड में यूज हो रहा था. अभी इसमें 15 बोरा तक की कमी आयी है. केमिकल का इस्तेमाल हमारे यहां पहले से ही बंद है. कुछ देशों के मॉडल के आधार पर हम ब्रेड बनाने में नयी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. दरअसल केमिकल का इस्तेमाल ब्रेड को फुलाने तथा इसे बेहतर रंग में लाने के लिए होता है.
मिथिलेश सिंह (मानव संसाधन अधिकारी, नाश्ता ब्रेड)
हमारे ब्रेड में पोटैशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल वर्ष 2000 से ही बंद है. पहले भी प्रयोग के तौर पर ही केमिकल का इस्तेमाल हुआ था. यह एंटी अॉक्सिडेंट है. अब किसी रसायन का इस्तेमाल नहीं होता है. सीएसइ की रिपोर्ट से पैनिक तो हुआ है. हमारी खपत में 10 फीसदी तक कमी हुई है. स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी भी इसकी वजह हो सकती है.
नरेंद्र कुमार, प्रोपराइटर मॉरिश ब्रेड
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