रांची : पेयजल स्वच्छता सचिव एपी सिंह ने प्रति शौचालय 1000 रुपये कमीशन लेनेवाले प्रखंड समन्वयक सत्यवान महापात्र के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही चक्रधरपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अरविंद अग्रवाल को निलंबित करने की अनुशंसा की है. सचिव ने यह कार्रवाई शौचालय निर्माण में कमीशन वसूलने की शिकायत की जांच के बाद की है.
पेयजल सचिव को मिली थी शिकायत : पेयजल सचिव को चक्रधरपुर कार्य प्रमंडल में चाईबासा जिले के आनंदपुर प्रखंड के प्रखंड समन्वयक द्वारा शौचालय निर्माण में कमीशन लेने से संबंधित शिकायत मिली थी. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि सत्यवान महापात्र जल सहिया को डरा-धमका कर प्रति शौचालय 1000 रुपये की दर से कमीशन वसूलता है. साथ ही ठेकेदार के माध्यम से शौचालय का निर्माण कराता है. सचिव के आदेश के आलोक में चाईबासा के उपायुक्त ने शिकायतों की जांच अनुमंडल पदाधिकारी से करायी. जांच में ग्रामीणों ने सत्यवान महापात्र द्वारा लाभुकों के बदले ठेकेदारों से शौचालय निर्माण कराये जाने की बात कही.
जल सहिया से बेंगू पंचायत की मुखिया बनी सिलविया सुरीन ने जांच अधिकारी को बताया कि सत्यवान महापात्र ठेकेदार के माध्यम से शौचालय निर्माण नहीं कराने पर फंसने की बात कह कर डराया करता था. महापात्र सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी है. उसे जमशेदपुर की आदिवासी वेलफेयर सोसाइटी नामक स्वयंसेवी संस्था ने प्रखंड समन्वयक के पद पर नियुक्त किया था. फिलहाल उसने प्रखंड समन्वयक के पद से इस्तीफा दे दिया है.
अनुमंडल पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियंता ने पैसा मांगने के मामले में एसीबी से जांच कराने की अनुशंसा की. विभागीय सचिव ने जांच रिपोर्ट सहित अन्य विभागीय अधिकारियों की अनुशंसा के आलोक में महापात्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अादेश दिया है. साथ ही काम में लापरवाही बरतने के आरोप में कार्यपालक अभियंता को निलंबित करने की अनुशंसा की है.