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अल्टीमेटम समाप्त, काम पर नहीं लौटे जैक के कर्मी

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल के दैनिक कर्मी गुरुवार को भी हड़ताल पर रहे़ जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने हड़ताली कर्मियों को 13 मई तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था़ काम पर नहीं लौटने पर कर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी़ अध्यक्ष द्वारा जारी अपील में कहा गया […]

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल के दैनिक कर्मी गुरुवार को भी हड़ताल पर रहे़ जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने हड़ताली कर्मियों को 13 मई तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था़ काम पर नहीं लौटने पर कर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी़ अध्यक्ष द्वारा जारी अपील में कहा गया था कि दैनिक कर्मियों की मांग पर महाधिवक्ता से राय ली गयी थी़.
महाधिवक्ता द्वारा दिये गये विधि-परामर्श में दैनिक कर्मियों की मांग को अवैधानिक बताया गया है़ अध्यक्ष ने छात्र हित में कर्मियों से काम पर लौटने की अपील की थी़ झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा कर्मियों की हड़ताल के बारे में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को रिपोर्ट भेजी जायेगी. कर्मियों की हड़ताल से उत्पन्न स्थिति व कामकाज में हो रही परेशानी को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करने के संबंध में विभाग से मार्ग दर्शन मांगा जायेगा़.
झारखंड एकेडमिक काउंसिल में 264 दैनिक वेतनभोगी कार्यरत है़ं कर्मचारियों की हड़ताल के कारण वर्ष 2016 की मैट्रिक व इंटर रिजल्ट के प्रकाशन में विलंब हो रहा है़ जैक द्वारा पूर्व में 15 मई तक मैट्रिक व इंटर साइंस व कॉमर्स का रिजल्ट जारी करने की बात कही गयी थी़ अब 20 मई तक रिजल्ट जारी होने की संभावना है़
विधायक ने किया आंदोलन का समर्थन
दैनिक वेतनभोगी कर्मी गुरुवार को भी दिन भर धरना पर बैठे रहे़ सिल्ली विधायक अमित महतो व खिजरी विधायक राम कुमार पहान ने धरनास्थल पर जाकर कर्मियों के आंदोलन का समर्थन किया़ विधायक अमित महतो ने जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह से मुलाकात कर कर्मियों की मांग पर विचार का आग्रह किया़ उन्होंने कहा कि वे कर्मचारियों के साथ है़ं.
47 कर्मी की तरह सुविधा देने की मांग
झारखंड एकेडमिक काउंसिल कर्मचारी संघ का कहना है कि वे नियमित करने की मांग नहीं कर रहे हैं. संघ का कहना है कि जैक में पहले कार्यरत 47 दैनिक कर्मियों की तरह उन्हें भी सभी सुविधाएं दी जाये. संघ की आेर से भी वरीय अधिवक्ता से राय ली गयी थी. अधिवक्ता द्वारा दिये गये विधि-परामर्श में 264 दैनिक कर्मियों को भी स्थायी कर्मी के समान सुविधा देने की बात कही गयी है़ पूर्व से कार्यरत 47 कर्मचारी में से पांच कर्मचारियों की नियुक्ति वर्ष 2003 में हुई, जबकि उन्होंने गलत तरीके से राज्य गठन के पहले से एसीपी का लाभ ले लिया़ संघ ने इन कर्मियों से राशि वसूली की मांग की है़ संघ की ओर से कहा गया है कि पांच कर्मियों की सेवा कार्यालय विरुद्ध काम करने के आरोप में समाप्त कर दिया गया था़ जैक बोर्ड ने कर्मियों को फिर से नियुक्त कर दिया़ ऐसे में 264 दैनिक कर्मी के मामले में जैक बोर्ड निर्णय लेने में सक्षम है़

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