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नगर निगम. जिनका होल्डिंग टैक्स अप टू डेट है, उन्हें भी देनी होगी बढ़ी राशि, 2014 से चुकाना होगा एरियर

रांची: राजधानी में किसी भी तरह की जमीन पर निर्माण करनेवाले लोगों को वर्ष 2014 से बढ़ा हुआ होल्डिंग टैक्स चुकाना होगा. शहर में किये गये हर निर्माण के लिए रांची नगर निगम होल्डिंग नंबर जारी करेगा. शहर में सुविधाएं उपलब्ध कराने के एवज में प्रदान किये गये होल्डिंग नंबर के आधार पर निगम टैक्स […]

रांची: राजधानी में किसी भी तरह की जमीन पर निर्माण करनेवाले लोगों को वर्ष 2014 से बढ़ा हुआ होल्डिंग टैक्स चुकाना होगा. शहर में किये गये हर निर्माण के लिए रांची नगर निगम होल्डिंग नंबर जारी करेगा. शहर में सुविधाएं उपलब्ध कराने के एवज में प्रदान किये गये होल्डिंग नंबर के आधार पर निगम टैक्स की वसूली करेगा.

एक मई से 31 जुलाई तक रांची नगर निगम क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण करनेवालों से सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट देना अनिवार्य घोषित किया गया है. आदेश नहीं माननेवालों से समयावधि पूरी होने के बाद दंड वसूला जायेगा. होल्डिंग टैक्स का नया फाॅर्मूला लोगों को समझाने के उद्देश्य से प्रभात खबर ने रांची नगर निगम के सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार से बात कर सवालों के जवाब मालूम करने की कोशिश की.
नये नियम से जुड़े कुछ सवाल, जिनके जवाब आप जानना चाहेंगे
सवाल : मेरे पास पहले से ही होल्डिंग नंबर है. मुझे भी सेल्फ असेसमेंट कराना होगा?
हां, सेल्फ असेसमेंट सभी के लिए अनिवार्य है. पहले होल्डिंग टैक्स का निर्धारण सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर किया जाता था, पर अब केवल कारपेट एरिया पर टैक्स तय किया जायेगा.
सवाल : मेरे पास होल्डिंग नंबर है. क्या मुझे नया होल्डिंग नंबर लेना होगा? इसके लिए कोई शुल्क भी निर्धारित है क्या?
सेल्फ असेसमेंट का फाॅर्म जमा करने के बाद पुराने होल्डिंग धारकों को नया होल्डिंग नंबर भी दिया जायेगा. पुराना होल्डिंग नंबर ही जानकारी का मुख्य आधार होगा. नया होल्डिंग नंबर जारी करने के लिए किसी तरह का शुल्क देय नहीं है.
सवाल : मुझे अपने भवन का असेसमेंट करना है. इसके लिए मुझे कहां संपर्क करना पड़ेगा? फॉर्म कहां से मिलेगा? मैं खुद मापी कैसे कर सकता हूं?
एक मई से रोज निगम के टैक्स कलेक्टर अपने-अपने वार्ड कार्यालय में बैठेंगे. यहां उनके पास फॉर्म के साथ सूचना पुस्तिका भी हाेगी. सूचना पुस्तिका का अध्ययन कर कोई भी अपने घर की मापी कर सकता है. इसके बाद भी परेशानी हुई, तो तो हेल्पलाइन नंबर 18001212241 या 06517145511 पर संपर्क किया जा सकता है. फोन पर परेशानी बता कर टैक्स कलेक्टर के माध्यम से हल निकाला जायेगा. इसके बाद भी होने वाली विषम परिस्थितियों के मद्देनजर प्रत्येक रविवार को रांची नगर निगम में स्पेशल कैंप लगाया जायेगा. यहां लोगों की होल्डिंग से संबंधित परेशानी सुन कर उसका निदान किया जायेगा.
सवाल : मेरा होल्डिंग टैक्स 2016 तक अप टू डेट है. मुझे कब से नयी दर के मुताबिक टैक्स भरना होगा?
होल्डिंग टैक्स की नयी नियमावली एक अप्रैल 2014 से लागू है. नयी नियमावली के आधार पर इसी तिथि से बढ़ा हुआ टैक्स वसूला जायेगा. टैक्स अप टू डेट होने की स्थिति में भी एरियर का भुगतान करना ही पड़ेगा.
सवाल : मेरे फ्लैट में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं है. नये नियमों के मुताबिक मुझसे 1.5 गुना ज्यादा टैक्स की वसूली की जायेगी?
हां, वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने की स्थिति में अपार्टमेंट के फ्लैट धारकों को 1.5 गुना ज्यादा होल्डिंग टैक्स देना पड़ेगा.
सवाल : अपार्टमेंट बिल्डर ने बनाया था. वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने के लिए वही जिम्मेवार है. टैक्स पर लगाया गया दंड बिल्डर से ही वसूला जायेगा?
अपार्टमेंट में बिल्डर ने अगर वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाया है, तो उस पर निगम में अलग से मामला दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. मौजूदा परिस्थितियों में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने पर बढ़ा हुआ टैक्स फ्लैट धारक से ही वसूला जायेगा.
सवाल : मैंने 10 साल पहले मकान बनाया था, लेकिन टैक्स बचाने के लिए होल्डिंग नंबर ही नहीं लिया. मुझे कब तक का टैक्स भरना होगा?
होल्डिंग टैक्स की नयी नियमावली एक अप्रैल 2014 से प्रभावी है. सभी को इसी तिथि से टैक्स का भुगतान करना होगा.
सवाल : मेरा मकान ग्रीन लैंड या सरकारी जमीन पर है. जमीन का कोई कागज मेरे पास नहीं है. क्या मुझे भी अपने मकान का असेसमेंट करके देना होगा? मुझे भी होल्डिंग नंबर मिलेगा?
नयी नियमावली के मुताबिक शहर के हर निर्माण से सुविधाओं के एवज में टैक्स लिया जाना है. जमीन की प्रकृति से निगम का कोई मतलब नहीं है. होल्डिंग टैक्स केवल सुविधाएं उपलब्ध कराने के बदले में वसूला जाता है. नगर निगम द्वारा दिया जानेवाला होल्डिंग नंबर किसी तरह की जमीन की वैधता का प्रमाण पत्र नहीं है. ऐसे में हर तरह की जमीन पर किये गये निर्माण पर नया होल्डिंग नंबर जारी किया जायेगा. जमीन पर किये गये निर्माण के एवज में सभी को टैक्स चुकाना होगा.
ऐसे समझें सुपर बिल्डअप व कारपेट एरिया का गणित
अब तक रांची नगर निगम द्वारा भवनों पर होल्डिंग टैक्स का निर्धारण सुपर बिल्डअप एरिया (पूरी जमीन, जिस पर निर्माण किया गया हो) के आधार पर किया जाता था. इस वजह से होल्डिंग में निर्माण के कमरों के अलावा बालकोनी, किचेन से लेकर शौचालय तक का पूरा क्षेत्र शामिल होता था. नयी नियमावली में केवल कारपेट क्षेत्र (जमीन का केवल वह हिस्सा, जहां निर्माण किया गया है) पर होल्डिंग टैक्स देय होगा. निर्माण के क्षेत्रफल का निर्धारण बेडरूम, बैठक कक्ष, भोजन कक्ष व कवर्ड बरामदा के लिए शत-प्रतिशत हिस्से पर किया जायेगा. वहीं, कॉरिडोर, किचेन, स्टोर रूम के 50 प्रतिशत क्षेत्रफल पर ही टैक्स लिया जायेगा. गैराज, पार्किंग स्पेस के 25 प्रतिशत क्षेत्रफल पर ही टैक्स का निर्धारण किया जायेगा.
कांग्रेस ने किया होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध
कांग्रेस ने झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली 2015 के तहत राजधानी के मकानों के होल्डिंग टैक्स में हुई बढ़ोतरी का विरोध किया है़ कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि सरकार की यह नियमावली बसानेवाली नहीं, उजाड़नेवाली है़ शमशेर आलम ने कहा कि होल्डिंग टैक्स बढ़ोतरी को लेकर राजधानी की आम जनता में रोष है़ जनता पर बेवजह बोझ लादा गया है़ सरकार इस नियमावली में संशोधन कर ऐसा रास्ता निकाले, जिससे आम आदमी होल्डिंग टैक्स चुका सके और किरायेदारों को भी राहत मिल सके़ राज्य के नगर विकास मंत्री श्री सीपी सिंह और राजधानी के विधायक ने इस मामले में चुप्पी साध ली है़ इससे साबित होता है कि मंत्री को जनता की चिंता नहीं है़ कांग्रेस नेता जगदीश साहू ने भी होल्डिंग टैक्स में हुई बढ़ोतरी का विरोध किया है़ कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि इस मुद्दे को लेकर पार्टी आंदोलन करेगी़

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