उल्लेखनीय है कि राज्य से जमा विवि के प्रस्ताव में भूमि की उपलब्ध होने की बात कही गयी थी़ राज्य के शिक्षण संस्थान की ओर अगस्त 2015 में प्रस्ताव जमा किया था़ सितंबर 2015 में विवि ने सरकार के समक्ष पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया़ विवि से बैंक सर्टिफिकेट की मांग की गयी़ विवि ने सर्टिफिकेट भी जमा किया़ इसके बाद भी राज्य से जमा प्रस्ताव को विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया़ राज्य में उच्च शिक्षा में जीइआर(कुल नामांकन अनुपात) 8.1 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 19.4 फीसदी है़ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक जीइआर 32 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है़ राज्य में तकनीकी शिक्षण संस्थानों की कमी के कारण झारखंड के विद्यार्थी उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है़ निजी विश्वविद्यालय खुलने से राज्य में उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ेगा़.
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सात नये निजी विश्वविद्यालय खाेलने के प्रस्ताव पर विचार
रांची. राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निजी विवि खोले जा रहे है़ं गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा पांच निजी विश्वविद्यालय खोलने को स्वीकृति दी गयी थी़ अब सात नये विवि के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है़ इन विश्वविद्यालयों को अपना प्रजेंटेशन देने को कहा गया है़. गत वर्ष जिन […]
रांची. राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निजी विवि खोले जा रहे है़ं गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा पांच निजी विश्वविद्यालय खोलने को स्वीकृति दी गयी थी़ अब सात नये विवि के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है़ इन विश्वविद्यालयों को अपना प्रजेंटेशन देने को कहा गया है़.
गत वर्ष जिन पांच विश्वविद्यालय को स्वीकृति दी गयी, उनमें से मात्र एक झारखंड का है़, जबकि झारखंड से तीन विवि का प्रस्ताव जमा किया गया था़ राज्य सरकार द्वारा गत वर्ष जिन पांच निजी विश्वविद्यालय खोलने को स्वीकृति दी गयी, उनमें अमिटी विवि, प्रज्ञान फाउंडेशन, करुण्या विवि, मेटास सेवेंथ-डे विवि व एआइसीइसीटी विवि शामिल है़ .
सभी विश्वविद्यालय को एलओआइ दिया जा चुका है़ अमिटी व प्रज्ञान फाउंडेशन के अधिनियम को स्वीकृति मिल चुकी है़ राज्य के शिक्षण संस्थान की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप झारखंड के संस्थानों को निजी विवि खोलने में प्राथमिकता देने की मांग की है़ .
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