रांची: रिम्स के मेडिसिन यूनिट के डॉ उमेश प्रसाद के वार्ड में हजारीबाग के ए हसन (85 वर्ष) की मौत के बाद सोमवार को मरीज के परिजनों ने जूनियर डॉ संदीप कुमार साहू की पिटाई कर दी. डॉ संदीप मरीज का इलाज कर रहे थे. चिकित्सक की नाक में गंभीर चोट आयी है. इधर, इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा छोड़ कार्य का बहिष्कार कर दिया. घटना की सूचना मिलते ही रिम्स निदेशक डॉ तुलसी महतो व प्रभारी अधीक्षक डॉ वसुंधरा भी पहुंचे. लगभग चार घंटे तक चली बातचीत के बाद डॉक्टरों ने कार्य शुरू किया. इधर, रिम्स प्रबंधन ने मरीज के परिजन मो रसीद व मो अली के खिलाफ बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. मरीज के परिजन शव छोड़ कर फरार हो गये. मरीज का बड़ा बेटा जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है, वह शव के पास ही रहा. रात नौ बजे परिजन रिम्स पहुंचे थे और बॉडी लेकर चले गये थे.
क्या है मामला
रिम्स के मेडिसिन विभाग में भरती ए हसन की हालत दिन के एक बजे खराब हो गयी. सूचना मिलते ही डॉ उमेश प्रसाद ने जूनियर डॉ संदीप कुमार साहू को जांच के लिए भेजा. डॉ संदीप ने जांच की और परिजनों को बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है. इतना सुनते ही परिजनों ने डॉ संदीप के साथ मारपीट शुरू कर दी. जब सारे जूनियर डॉक्टरों को घटना की जानकारी दी गयी तो ए हसन के परिजन शव को छोड़ कर वहां से फरार हो गये.
मरीज की किडनी फेल थी: डॉ उमेश
डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि मरीज ए हसन की स्थिति काफी गंभीर थी. किडनी काम करना बंद कर चुका था. पीजी डॉक्टर को जांच के लिए भेजा गया था, उसी वक्त उसके साथ परिजनों ने मारपीट की. यह गंभीर मामला है.
आइएमए ने की निंदा
आइएमए के राज्य सचिव डॉ शेखर चौधरी काजल ने पूरी घटना की निंदा की है. उन्होंने दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की मांग प्रशासन से की है. उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होने से ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं.ऐसे में इलाज करने में भी परेशानी हो रही है.