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जेपीएससी: पांचवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा, 272 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर हाइकोर्ट ने लगायी रोक
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को जेपीएससी परीक्षा में नि:शक्त उम्मीदवारों के आरक्षण के मामले में दायर अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए पांचवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के अनुशंसित 272 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी. यह रोक 30 मार्च तक रहेगी. उस दिन मामले की अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को जेपीएससी परीक्षा में नि:शक्त उम्मीदवारों के आरक्षण के मामले में दायर अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए पांचवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के अनुशंसित 272 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी. यह रोक 30 मार्च तक रहेगी. उस दिन मामले की अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. खंडपीठ ने पूर्व में कोर्ट द्वारा तय आरक्षण रोस्टर बिंदु का अनुपालन नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार व झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
नि:शक्तों के लिए सीट तय करने का आदेश दिया था : कोर्ट ने पूछा कि अरुण कुमार सिंह की जनहित याचिका में नाै मार्च को पारित आदेश के आलोक में नि:शक्त उम्मीदवारों के लिए कितनी सीटें होती हैं. कोर्ट ने 1:33:67 (अंधापन, बहरापन व लोको नि:शक्त) के अनुसार नि:शक्तों के लिए सीट तय करने का आदेश दिया था. उसके अनुसार कम से कम 15 सीटें तो होनी चाहिए. खंडपीठ ने 1:33:67 (अंधापन, बहरापन व लोको नि:शक्त) के अनुसार चतुर्थ व पांचवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में नि:शक्त उम्मीदवारों को कितनी सीटें मिलेंगी, उसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने मामले को पीके सिद्धार्थ की अोर से दायर जनहित याचिका के साथ टैग कर दिया.
सरकार ने पांच सीटें तय की थी
इससे पहले राज्य सरकार की अोर से बताया गया कि पांचवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में 272 सीटों में से नि:शक्त अभ्यर्थियों के लिए सरकार ने पांच सीटें तय की थी. जेपीएससी की अोर से बताया गया कि तीन नि:शक्त अभ्यर्थी की नियुक्ति की अनुशंसा की गयी है. दो पद रिक्त रह गया है. चतुर्थ जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में 219 सीटों के लिए परीक्षा ली गयी थी. उसकी नियुक्ति हो चुकी है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता सुचित्रा पांडेय ने पक्ष रखा, जबकि जेपीएससी की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा व संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा.
एकल पीठ के आदेश को दी है चुनाैती
मालूम हो कि प्रार्थी विवेक कुमार सिंह ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी है. उन्होंने जनहित याचिका में हस्तक्षेप याचिका भी दायर की है. एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार ने सात नवंबर 2007 की अधिसूचना के तहत नि:शक्त उम्मीदवारों के लिए 33:67:100 के अनुसार रोस्टर बिंदु तय किया है. उसके अनुसार प्रार्थी को चतुर्थ जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में कोई लाभ नहीं दिया जा सकता है. प्रार्थी सामान्य श्रेणी के हैं.
चतुर्थ जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के लिए झारखंड प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत सरकार ने 31 रिक्तियां भेजी थी. 33 पद से कम था, इसलिए इन्हें नि:शक्त श्रेणी के अंतर्गत कोई लाभ नहीं दिया जा सकता है.
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