दाेनों पक्षों की सहमति पर 10 मार्च 2016 को शादी की तिथि तय हुई थी़ इसी बीच दो बार दिवाकर प्रसाद ने रिम्स के हॉस्टल नंबर-सात में रहनेवाले डॉ सुमन कुमार के खाता में एक बार आठ लाख व दूसरी बार चार लाख रुपये (कुल 12 लाख रुपये) आरटीजीएस कर दिया़ लेकिन लड़का पक्ष 20 लाख रुपये दहेज लेने पर अड़ा रहा़ बाद में उन्हें कहा गया कि आप लोग शादी के पहले बाकी के आठ लाख रुपये हमें दे दें और शादी की तैयारी करे़ं दिवाकर प्रसाद शादी की तैयारी करने लगे. इसी बीच तिलक के दिन टीवी, फ्रिज , वाशिंग मशीन सहित अन्य सामान दिये गये. छह मार्च 2016 को लड़का के पिता ने दिवाकर प्रसाद को बताया कि लड़का शादी के लिए तैयार नहीं हो रहा है, क्योेंकि अब तक आठ लाख रुपये नहीं मिले हैं.
दिवाकर प्रसाद ने लड़के के बड़े भाई से इस संबंध में बात की़ उन्होंने बताया कि लड़का दो मार्च को कहीं बाहर घूमने चला गया है़ शादी के दिन वे लोग बारात लेकर नहीं गये़ बाद में दहेज के रूप में लिये गये 12 लाख रुपये लड़का वालों ने लौटा दिया. इधर दिवाकर प्रसाद ने प्राथमिकी में लिखा है कि तिलक के दौरान दिये गये सामान, सगाई और शादी की तैयारी में हुए खर्च के रुपये भी लौटाना चाहिए़