सीबीआइ ने रामगढ़ के मेसर्स टीआरएल और मेसर्स एके इंजीनियरिंग और जमशेदपुर के मेसर्स एमके इंजीनियरिंग और मेसर्स टेमकॉन के ठिकानों पर छापा मारा. इन कंपनियों व उससे जुड़े लोगों ने जालसाजी कर बैंक से 32.75 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट सुविधा ली थी. पंजाब नेशनल बैंक से 13.75 करोड़ और यूको बैंक से 19 करोड़ रुपये की जालसाजी की गयी थी. बैंक घोटाले को अंजाम देने के लिए एक कंपनी के लोग, दूसरी कंपनी में गारंटर बने और गिरवी के रूप में फर्जी दस्तावेज जमा कराये. साथ ही उसके मूल्य में भी छेड़छाड़ की. जांच में पाया गया कि एमके इंजीनियरिंग के पार्टनर शाहिद खान और जावेद खान है.
पंजाब नेशनल बैंक(बिष्टुपुर) से मेसर्स एमटीआरएल को कैश क्रेडिट सुविधा दिलाने के लिए शाहिद खान गारंटर बना. इसी तरह एमटीआरएल के पार्टनर सेराज खान और एजाज खान यूको बैंक (मेन ब्रांच जमशेदपुर) में मेसर्स एमके इंजीनियरिंग को कैश क्रेडिट सुविधा दिलाने के लिए गारंटर बने. एमके इंजीनियरिंग ने फर्जी दस्तावेज में भी जालसाजी की और दो लाख रुपये मूल्य के दस्तावेज का मूल्य दो करोड़ कर दिया. इसी तरह मेसर्स एमटीआरएल ने तीन लाख के दस्तावेज के मूल्य को तीन करोड़ कर दिया.