हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की स्थायी समिति की दो दिवसीय बैठक हुई, जिसमें नये एम्स के कामकाज पर विचार किया गया. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना(पीएमएसएसवाई) के तहत नये एम्स खोलने का मकसद था कि इससे क्षेत्रीय विषमता दूर होगी. उत्तर भारत खास कर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के लोगों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए दिल्ली आना पड़ता है.
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सवाल: संसद की स्थायी समिति ने सरकार से पूछा, झारखंड को क्यों नहीं मिल सकता है एम्स?
नयी दिल्ली: झारखंड में केंद्र सरकार की ओर से नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स)बनाने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. इस पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने नाराजगी जतायी है. समिति के अध्यक्ष रामगोपाल यादव ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट अगली बैठक […]
नयी दिल्ली: झारखंड में केंद्र सरकार की ओर से नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स)बनाने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. इस पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने नाराजगी जतायी है. समिति के अध्यक्ष रामगोपाल यादव ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट अगली बैठक में सौंपने का निर्देश दिया है.
समिति की नाराजगी इस बात पर भी थी कि झारखंड में एम्स बनाने का मामला पुराना है. राज्य सरकार की ओर से केंद्र को कई बार इसके लिए पत्र लिखा गया है. कई बार केंद्र सरकार इस मुद्दे पर सहमत भी दिखी है, लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया. केंद्र रिम्स को ही अपग्रेड करने की बात करती रही है. वहीं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में नये एम्स खोलने के लिए कैबिनेट ने 4949 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है. इसमें से आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी में एम्स के लिए 1618 करोड़, नागपुर के लिए 1577 करोड़ एवं पश्चिम बंगाल के कल्याणी में बनने वाले एम्स के लिए 1754 करोड़ की राशि की स्वीकृति केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दी है. इन तीनों एम्स के लिए पांच साल का समय भी निर्धारित कर दिया गया है.
जिन राज्यों में चुनाव होना, उन्हीं पर ध्यान क्यों
समिति के सदस्यों को आपत्ति इस पर भी थी कि जब सरकार की ओर से क्षेत्रीय विषमता को दूर करने के लिए खासकर पिछड़े इलाकों में एम्स खोलने की बात कही गयी थी, तो इसमें झारखंड को शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है. सरकार उन्हीं राज्यों पर ध्यान क्यों दे रही है, जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. पंजाब, तमिलनाडु, असम जैसे राज्यों में नये एम्स खोलने की दिशा में सरकार अग्रसर है, जबकि झारखंड में रिम्स को अपग्रेड कर काम चलाने की बात कह रही है. नये एम्स खोले जाने के मापदंड पर यदि नागपुर खरा उतर रहा है, तो झारखंड को किस आधार पर बाहर किया जा रहा है.
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