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हजारीबाग: दीक्षांत समाराेह में 5235 विद्यार्थियों को मिली डिग्री, बाेले राष्ट्रपति विभावि शिक्षा के क्षेत्र में पावर

हजारीबाग. राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी ने शनिवार काे कहा कि 21वीं सदी में विनोबा भावे विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में पावर बन कर उभर रहा है. शिक्षा क्रांति में विश्वविद्यालय अहम रोल अदा करेगा. यह दुर्भाग्य की बात है कि दुनिया के टॉप 200 विश्वविद्यालयों में भारत का कोई विश्वविद्यालय नहीं है. देश के लगभग […]

हजारीबाग. राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी ने शनिवार काे कहा कि 21वीं सदी में विनोबा भावे विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में पावर बन कर उभर रहा है. शिक्षा क्रांति में विश्वविद्यालय अहम रोल अदा करेगा. यह दुर्भाग्य की बात है कि दुनिया के टॉप 200 विश्वविद्यालयों में भारत का कोई विश्वविद्यालय नहीं है. देश के लगभग 300 शैक्षणिक संस्थानों के भ्रमण के दौरान मैंने यह अनुभव किया. राष्ट्रपति शनिवार काे यहां विनोबा भावे विवि के सातवें दीक्षांत समाराेह में दीक्षांत अभिभाषण दे रहे थे.
दक्षता की कमी नहीं : डॉ मुखर्जी ने याद दिलाया कि भारत के विद्यार्थियों व शिक्षाविदों में योग्यता व दक्षता की कमी नहीं है. यहीं की शिक्षा से डॉ सीबी रमन, डॉ हरगोविंद खुराना व चंद्रशेखर राव जैसे कई लोगों ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया.
वर्तमान समय में देश के दो शैक्षणिक संस्थान साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बैंगलुरु और आइआइटी दिल्ली रेटिंग में आगे है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ाने में दोनों संस्थान काफी सफल हैं. भारत नाभकीय क्षमता और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. यह विश्वविद्यालय स्तर पर उच्च शिक्षा से संभव हो रहा है.
शैक्षणिक स्तर में काफी गिरावट राष्ट्रपति ने कहा कि भारत पुराने समय से ही पढ़ाई और शोध के लिए जाना जाता है. अंतरराट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला, उदंतपुरी जैसे शैक्षणिक संस्थान थे. यह संस्थान व यहां के शिक्षक विश्व स्तर पर जाने जाते थे. नालंदा विश्वविद्यालय के खत्म होने से यहां के शैक्षणिक स्तर में काफी गिरावट आया.

विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर के भव्य पंडाल में एकेडमिक प्रोसेशन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राज्यपाल द्राैपदी मुरमू, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, झारखंड की शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव, कुलपति प्रो गुरदीप सिंह, प्रतिकुलपति प्रो एमपी सिन्हा, सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, एकेडमिक काउंसिल सदस्य, सिंडिकेट और सीनेट सदस्य शामिल हुए. शोभायात्र की अगुवाई कुलसचिव प्रो एसके सिन्हा ने किया. मंच संचालन डॉ अभय कुमार सिन्हा ने किया. विश्वविद्यालय की ओर से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत सभी अतिथियों को प्रतीक चिह्न व शॉल भेंट किया गया.
74 विद्यार्थियों को मिला गोल्ड मेडल
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में 5235 विद्यार्थियों को डिग्री मिली. पूर्व केंद्रीय वित्त व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को डीलिट की मानद उपाधि राष्ट्रपति के हाथों प्रदान की गयी. 74 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल, 53 विद्यार्थियों को पीएचडी डिग्री, 1539 को पीजी और 3643 को स्नातक की डिग्री मिली.
त्याग व शोषण के खिलाफ आंदोलन की धरती है झारखंड
राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड कई ऐतिहासिक घटनाओं के लिए जाना जाता है. झारखंड ज्ञान की भूमि, कला की भूमि, संस्कृति की भूमि और क्रांति की भूमि है. झारखंड की भूमि त्याग व शोषण के खिलाफ आंदोलन की रही है. सिद्धू कान्हू, बिरसा मुंडा, तिलका मांझी ने शोषण के खिलाफ आंदोलन किया. आज उसका फल झारखंडवासियों को मिल रहा है. झारखंड खनिज संपदा के लिए जाना जाता है. यहां 34% कोयला है. 24% आयरन है. यूरेनियम, अभ्रख, बॉक्साइट हैं. झारखंड का देश के औद्योगिक विकास में अहम रोल है. विद्यार्थी नये शोध कार्य कर इन संसाधनों का उपयोग कर देश का औद्योगिक विकास करें.

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