if(!is_mobile()){ echo '

header

'; }
22.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकार ने बनायी सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमेटी, राज्य में उद्योग लगाना आसान

रांची: राज्य में स्थापित होनेवाले नये उद्योगों और व्यवसायों को समय सीमा में लाइसेंस, अप्रूवल व इंसेंटिव देने के लिए सरकार ने सिंगल विंडो फास्ट ट्रैक कमेटी का गठन किया है़. उद्योग विभाग ने इससे संबंधित झारखंड इंडस्ट्री फेसिलिटेशन एंड सिंगल विंडो क्लीयरेंस अॉर्डिनेंस 2015 की अधिसूचना जारी कर दी है़. इसके साथ ही सिंगल […]

रांची: राज्य में स्थापित होनेवाले नये उद्योगों और व्यवसायों को समय सीमा में लाइसेंस, अप्रूवल व इंसेंटिव देने के लिए सरकार ने सिंगल विंडो फास्ट ट्रैक कमेटी का गठन किया है़. उद्योग विभाग ने इससे संबंधित झारखंड इंडस्ट्री फेसिलिटेशन एंड सिंगल विंडो क्लीयरेंस अॉर्डिनेंस 2015 की अधिसूचना जारी कर दी है़.

इसके साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम पूरी तरह कार्यरत हो गया़ अब किसी भी उद्योग या व्यवसाय को शुरू करने के लिए आवश्यक अप्रूवल की सारी प्रक्रियाएं एक ही स्तर पर पूरी हो सकेंगी.

क्या होंगे कमेटी के कार्य: उद्योग लगाने के लिए आवेदन राज्य सरकार, डीसी या सीधे कमेटी के माध्यम से दिये जा सकते हैं. सिंगल विंडो फास्ट ट्रैक कमेटी का अधिकार आवेदन को क्लीयरेंस देना होगा़ क्लीयरेंस का आदेश विभाग जारी करेगा़ मध्यम, लघु व सूक्ष्म उद्योगों के वित्तीय अनुदान की स्वीकृति भी यही कमेटी करेगी़ बड़े व अन्य प्रकार के उद्योगों के लिए वित्तीय अनुदान की स्वीकृति का काम हाइ पावर कमेटी देेखेगी.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा पर गवर्निंग बॉडी मेगा व अल्ट्रा मेगा औद्योगिक परियोजना की स्वीकृति देगी.
सीइओ के पास होंगे कई अधिकार : सरकार ने सिंगल विंडो फास्ट ट्रैक कमेटी के सीइओ को कई अधिकार दिये हैं. सीइओ उद्योगों के आवेदन की जांच व समीक्षा कर सकते हैं. निवेश के मामलों का समन्वय सीइओ ही करेंगे़ कमेटी की ओर से दिये गये निर्देश सीइओ के हस्ताक्षर से जारी होंगे. सिंगल विंडो वेब पोर्टल व जिडको की मॉनिटरिंग भी सीइओ करेंगे.
प्रमुख विभागों के सचिव कमेटी में
सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमेटी के सीइओ उद्योग सचिव बनाये गये हैं. कमेटी में वित्त सह योजना सचिव, भू-राजस्व सचिव, नगर विकास सचिव, श्रम सचिव, वन सचिव, ऊर्जा सचिव, जल संसाधन सचिव, खान सचिव व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष सदस्य होंगे. उद्योग निदेशक संयोजक होंगे.
निवेशकों को क्या होगा लाभ
निवेशक एक ही जगह आवेदन दे सकते हैं. उनके सारे आवेदनों पर सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमेटी विचार करेगी. निवेशकों को अब अलग-अलग विभागों में नहीं जाना पड़ेगा. यदि किसी निवेशक को जमीन, पानी या बिजली कनेक्शन चाहिए, ताे उसे सिर्फ एक आवेदन देना होगा़.
फिलहाल 66 प्रकार के अप्रूवल लेने पड़ते हैं
राज्य में उद्योग व व्यवसाय आरंभ करने के लिए फिलहाल 66 प्रकार के अप्रूवल व क्लीयरेंस की जरूरत पड़ती है. इसके लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें