महिमा प्रोजेक्ट को लेकर यूनिसेफ की राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्नमाहवारी संबंधी जानकारी के लिए अभिभावक और शिक्षकों से सहयोग करने का किया आह्वानतसवीर अमित दास कीवरीय संवाददाता, रांचीयूनिसेफ की ओर से माहवारी संबंधी महिमा प्रोजेक्ट पर आधारित कार्यशाला में अभिभावकों और शिक्षकों से सहयोग करने का आह्वान किया गया. यूनिसेफ की विशेषज्ञ सोनाली मुखर्जी ने हाइजिनिक के मामले में उत्तरप्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड को बेहतर बताया. कहा कि झारखंड के गुमला और पश्चिमी सिंहभूम में यूनिसेफ और जाॅनसन एंड जाॅनसन के सहयोग से महिमा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें किशोरी बालिकाओं को माहवारी से होनेवाली परेशानी और उन दिनों सेहत को लेकर सतर्कता बरतने की जानकारी दी जा रही है. सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन पर भी लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है. यूनिसेफ की ओर से इसके लिए मल्टीमीडिया संचार पैकेज भी बनाया गया है. जिसमें किशोरियों के लिए आंगनबाड़ी सेविका और आशा वर्कर को प्रेरक के रूप में काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है. सोनाली ने कहा कि झारखंड में 65 से 70 फीसदी बालिकाएं माहवारी के समय सैनिटरी नैपकीन और कपड़े का प्रयोग करती हैं. बालिकाएं अपनी माता और सहेलियों से ही अपने दिल की बातें कहती हैं. अपनी बेटियों के लिए पिता को भी सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए. यूनिसेफ की विशेषज्ञ अलका मल्होत्रा ने कहा कि माहवारी के दौरान 97 प्रतिशत किशोरियां स्कूल जाना नहीं चाहतीं. इससे उनकी उपस्थिति प्रभावित होती है. दैनिक जीवन में धार्मिक गतिविधियों, माता-पिता की बंदिश से भी परेशानी होती है. यूनिसेफ के सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि किशोरियां अपने-आप को इन दिनों में काफी अपमानजनक महसूस करती हैं. कार्यशाला में यूनिसेफ के कुमार प्रेमचंद, पूर्व निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्रा और अन्य ने अपने विचार रखे. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नामकुम और नामकुम की ल़ड़कियों ने कहा कि वे माहवारी की अवधि में स्वच्छता प्रबंधन पर अधिक ध्यान देती हैं.क्या है महिमा प्रोजेक्टमहिमा प्रोजेक्ट में 3800 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों, अध्यापिका और शिक्षकों को माहवारी संबंधी स्वच्छता और इसके प्रबंधन पर जानकारी दी जा रही है. 10 वर्ष से लेकर 19 आयु वर्ग तक की 1.80 लाख किशोरियों और 12 हजार महिलाओं को यह बताया जा रहा है कि कैसे वे माहवारी के बारे में खुल कर बातें करें और शर्मिंदगी महसूस नहीं करें. माहवारी के संबंध में आत्मविश्वास और मासिक चक्र की जानकारी भी उपरोक्त कार्यकर्ताओं को दी जा रही है.
महिमा प्रोजेक्ट को लेकर यूनिसेफ की राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न
महिमा प्रोजेक्ट को लेकर यूनिसेफ की राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्नमाहवारी संबंधी जानकारी के लिए अभिभावक और शिक्षकों से सहयोग करने का किया आह्वानतसवीर अमित दास कीवरीय संवाददाता, रांचीयूनिसेफ की ओर से माहवारी संबंधी महिमा प्रोजेक्ट पर आधारित कार्यशाला में अभिभावकों और शिक्षकों से सहयोग करने का आह्वान किया गया. यूनिसेफ की विशेषज्ञ सोनाली मुखर्जी ने […]
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