सफाईकर्मी फूलो की बेटी की शादी में पहुंचे सीएमफूले नहीं समां रही थी फूलोवर-वधु को दिया आशीषगरीब की शादी कराने में आगे आये समाज : रघुवरवरीय संवाददाता, रांची गरीब फूलो को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी की शादी में झारखंड के मुख्यमंत्री अाये हैं. वह बार-बार कभी अपनी बेटी प्रीति को देखती और कभी मुख्यमंत्री रघुवर दास को. उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे. उसकी बेटी प्रीति खलखो की शादी दिलबरकांत कुजूर से हो रही थी. मोरहाबादी स्थित दुर्गा मंदिर परिसर इस ऐतिहासिक शादी का गवाह बना. अमित शाह को भी खाना खिला चुकी है फूलोफूलो खलखो प्रदेश भाजपा कार्यालय में पिछले नौ वर्षों से साफ-सफाई का काम करती है. जब मुख्यमंत्री रघुवर दास भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे तब से वह उन्हें जानती है. वह उनके कार्यालय को साफ रखती थी. फूलो बताती है कि सारे प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी को वही चाय-नाश्ता देती है. हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब कार्यालय आये थे, तब उसने ही उन्हें भोजन परोसा था. सिर्फ कार्ड देख कर ही आये सीएमफूलो बताती है कि जब वह कार्ड देने और कुछ आर्थिक मदद की आस में मुख्यमंत्री आवास गयी थी, तब उसे मिलने नहीं दिया गया. तब वह केवल कार्ड देकर आ गयी. बाद में पता चला कि मुख्यमंत्री ने कार्ड देखते ही शादी में आने की इच्छा जाहिर की. 10 कुर्सियां ही लगी थीमंदिर परिसर में बहुत ही साधारण तरीके से शादी हो रही थी. केवल 10 कुर्सियां ही थी, जिसमें दोनों पक्षों के मेहमान बैठे हुए थे. भाजपा के संजय सेठ, बालमुकुंद सहाय, संजय जायसवाल, मुकेश मुक्ता आदि पहले से पहुंच चुके थे. बारात आने में देर थी, पर दुल्हा दिलबरकांत सीएम के आने की खबर से पहले ही आ गये. सीएम ठीक आठ बजे पहुंचे. उन्हें वर-वधु को आशीष दिया. बुके दिया और एक लिफाफा भी. सीएम करीब 15 मिनट वहां रुके. मेरी शादी ऐतिहासिक बन गयी : प्रीतिप्रीति कहती है कि मुख्यमंत्री के आने से उसकी शादी ऐतिहासिक शादी हो गयी. वहीं दिलबरकांत कहते हैं कि उनके लिए तो यह क्षण अविस्मरणीय है. दिलबरकांत मध्यप्रदेश में एनइसीएल में ओवरमैन के पद पर कार्यरत है. प्रीति ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. उसे नि:शुल्क पढ़ाने वाली शिक्षिका अंजली कुमारी भी मौजूद थी. समाज गरीबों की शादी कराने में आगे आये : रघुवरमुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार छोटी है और समाज का दायरा बहुत बड़ा है. गरीबों के सामने शादी के समय आर्थिक समस्या रहती है. फूलों को वह बहुत पहले से जानते हैं, इसलिए खुद ही शादी में आने की इच्छा जतायी. उन्होंने कहा कि गरीबों की शादी के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के समय से ही मुख्यमंत्री कन्या दान योजना चल रही है. इसमें सरकार आर्थिक सहायता भी देती है. इसके बावजूद वह समाज के लोगों से अपील करते हैं कि गरीबों की शादी भी सम्मानित तरीके से हो सके, इसके लिए आगे आना चाहिए, ताकि हर गरीब की बेटी की डोली उठे.सीएम की भतीजी की शादी भी साधारण तरीके से हुई थीजमशेदपुर में 23 दिसंबर को सीएम की अपनी भतीजी की शादी भी मंदिर में ही हुई थी. यह शादी भी साधारण तरीके से संपन्न करायी गयी थी. कोई वीआइपी मेहमान नहीं था. सीएम खुद शादी की रस्म पूरी होने तक मौजूद थे.
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सफाईकर्मी फूलो की बेटी की शादी में पहुंचे सीएम
सफाईकर्मी फूलो की बेटी की शादी में पहुंचे सीएमफूले नहीं समां रही थी फूलोवर-वधु को दिया आशीषगरीब की शादी कराने में आगे आये समाज : रघुवरवरीय संवाददाता, रांची गरीब फूलो को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी की शादी में झारखंड के मुख्यमंत्री अाये हैं. वह बार-बार कभी अपनी बेटी प्रीति को देखती […]
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