सरकार पर पड़नेवाले वित्तीय बोझ का आकलन नहींमामला नये मास्टर प्लान के क्रियान्वयन परवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड सरकार के नये मास्टर प्लान के लागू होने पर पड़नेवाले वित्तीय बोझ का अभी तक आकलन नहीं किया गया है. सरकार की तरफ से यह दलील दी गयी है कि शहर को बसाने और खूबसूरत करने को लेकर कई विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जायेगा. राजधानी में 23622 हेक्टेयर भूमि को विकसित किया जायेगा. फिलहाल 41498 हेक्टेयर भूमि ही विकसित है. नये मास्टर प्लान के तहत अब 65220 हेक्टेयर भूमि लिये जायेंगे. नगर विकास विभाग के सहायक नगर निवेशक गजानंद राम के अनुसार वित्तीय प्रभाव का आकलन संबंधित विभाग खुद करेंगे. सरकार की तरफ से मास्टर प्लान के आधार पर पथ निर्माण विभाग, झारखंड राज्य बिजली बोर्ड, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, वन और पर्यावरण विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग और अन्य के बीच समन्वय स्थापित किया जायेगा. ये विभाग नगर विकास विभाग को अपनी मांग समर्पित करेंगे. वित्त विभाग ने मांगी थी जानकारीनगर विकास विभाग के नये मास्टर प्लान के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने भी यह राय मांगी थी कि कैसे सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ेगा. वित्त विभाग को बताया गया कि संबंधित विभाग के आकलन के आधार पर ही भविष्य में वित्तीय प्रभाव का ब्योरा तैयार किया जायेगा.
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सरकार पर पड़नेवाले वत्तिीय बोझ का आकलन नहीं
सरकार पर पड़नेवाले वित्तीय बोझ का आकलन नहींमामला नये मास्टर प्लान के क्रियान्वयन परवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड सरकार के नये मास्टर प्लान के लागू होने पर पड़नेवाले वित्तीय बोझ का अभी तक आकलन नहीं किया गया है. सरकार की तरफ से यह दलील दी गयी है कि शहर को बसाने और खूबसूरत करने को लेकर कई […]
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