धन त्रयोदशी (धनतेरस) कैसे मनाएं डॉ एनके बेरानौ नवंबर (सोमवार) को धन त्रयोदशी धनतेरस के रूप में मनाया जाएगा. यह पंच दिवसीय दीपावली महापर्व का पहला पर्व है. धर्मशास्त्रीय विधान के अनुसार इस दिन धन्वंतरी जयंती भी मनायी जाती है. यमप्रीत्यर्थ दीपदान, गोत्रिरात्र व्रत का आरंभ, धनदेवता कुबेर के पूजन की भी परंपरा है. धनतेरस के रूप में बर्तन आदि नवीन वस्तुओं की खरीदारी की जाती है. ………………….अबूझ मुहूर्त के रूप में धनत्रयोदशीआधुनिक मुहूर्त ज्योतिष में धन त्रयोदशी की मान्यता स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त के रूप में है. इस दिन विवाह को छोड़कर प्रायः सभी शुभ कार्य किए जाते हैं. विशेष रूप से व्यापार आरंभ, नयी मशीनरी आदि का शुभारंभ आदि भी इस दिन किए जाते हैं. यहां तक कि धन से जुड़े हुए समस्त कार्य धन त्रयोदशी को किया जाता है……………………….धनत्रयोदशी मनाने की विधि1. धनतेरस पर यह भी मान्यता है कि इस दिन धन का आगमन होना चाहिए. गमन नहीं. इसलिए इस दिन उधार देना या चुकाना जैसे कार्य नहीं करें.2. धनतेरस के दिन बहुमूल्य वस्तुएं, बर्तन,आभूषण, दैनिक उपयोग की सामग्री, वाहन, भूमि और भवन आदि की खरीदारी होती है. गरीब हो चाहे अमीर हो, हर व्यक्ति इस दिन कुछ न कुछ अवश्य खरीदता है. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन आदि की खरीदारी करने से घर में लक्ष्मी आती हैं.3. धनतेरस के दिन दोपहर के बाद धातु के बने बर्तन खरीदना आगामी वर्ष के लिए सौभाग्य और समृद्धिदायक माना जाता है. इससे आगामी वर्ष में धन-धान्य और संपदा बनी रहती है.4. धनतेरस पर बाजार से बर्तन लाते समय उसे खाली नहीं लाना चाहिए. उसमें अन्न या फल या मिष्ठान, धन आदि रखकर लाना चाहिए.5. बर्तन खरीदने के बाद उसमे बतासा, चावल या बर्तनवाले से कह कर उसमें आप एक रुपये का सिक्का भी डलवा लें, तो आपके लिए यह सौभाग्यदायक रहेगा. सिक्का यदि चांदी का हो और उसमें लक्ष्मी जी का चित्र हो, तो अत्यधिक शुभ है.6. बर्तनों को घर लाकर जल से छींटें लगाकर या धोकर शुद्ध करना चाहिए और उसका रोली, अक्षत और पुष्प से पूजन करें. इसके बाद बर्तनों पर मौली बांधें. फिर उसे ले जाकर पूजास्थल या रसोइघर में रखें और यह मानना चाहिए कि आपके घर में इन नयी सामग्री, बर्तन आदि के माध्यम से घर में लक्ष्मी का प्रवेश हो चुका है.7. धनतेरस के दिन खरीदे गये बर्तनों में से किसी एक या अधिक बर्तनों को दीपावली में लक्ष्मी पूजा में अवश्य रखना चाहिए.8. दीपावली के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं का धनतेरस के ही दिन खरीदना चाहिए.9. इस दिन आभूषणों का क्रय करना भी शुभ होता है. मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, फर्नीचर, मोटरसाइकिल और कार आदि का खरीद कर द्रव्य लक्ष्मी के रूप में स्वागत करें और घर में लाकर विधिवत पूजन करें.10. व्यवसायी वर्ग नये बही-खाता की खरीदारी भी धनतेरस के दिन करना चाहिए.11. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन सभी सामग्री (वस्तुएं) खरीदारों के लिए शुभ रहती है़ और यह इसी प्रकार की अन्य सामग्री को खरीदने में समर्थ हो जाता है. उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.12. धनतेरस को न केवल धन प्राप्ति का, वरन आरोग्य प्राप्ति का पर्व भी है. इसलिए भगवान धन्वंतरी की विधिवत पूजा-उपासना करें.13.धनतेरस पर यमप्रीत्यर्थ दीपदान करना चाहिए. स्कंदपुराण के अनुसार धनतेरस पर सायंकाल एक पात्र में यमराज के निए नवीन रूई की बत्ती वाले तिल के तेल के दीपक प्रज्ज्वलित कर उनका गन्धादि से पूजन कर उन दीपों को घर के मुख्यद्वार पर अन्न की ढेरी पर रखें. इस यम दीप दान से दीर्घायु प्राप्त होती है.14. धनतेरस की रात में स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विधिवत धनदेवता कुबेर की पूजन करें.
धन त्रयोदशी (धनतेरस) कैसे मनाएं
धन त्रयोदशी (धनतेरस) कैसे मनाएं डॉ एनके बेरानौ नवंबर (सोमवार) को धन त्रयोदशी धनतेरस के रूप में मनाया जाएगा. यह पंच दिवसीय दीपावली महापर्व का पहला पर्व है. धर्मशास्त्रीय विधान के अनुसार इस दिन धन्वंतरी जयंती भी मनायी जाती है. यमप्रीत्यर्थ दीपदान, गोत्रिरात्र व्रत का आरंभ, धनदेवता कुबेर के पूजन की भी परंपरा है. धनतेरस […]
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