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ईश्वर सबके भूलों को क्षमा करें…

ईश्वर सबके भूलों को क्षमा करें…डीपीएस का वार्षिक समारोह मना, पेश की मनमोहक प्रस्तुतियांफोटो : अमित दास रांची़ डीपीएस, रांची में शनिवार को कक्षा दो और तीन के बच्चों ने वार्षिक समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया़ कार्यक्रम ‘पहल’ में मुख्य आकर्षन दीपशिखा, सर्वधर्म सम्भाव रहा़ विद्यार्थियों ने सर्वधर्म समभाव की भावना पर आधारित नृत्य […]

ईश्वर सबके भूलों को क्षमा करें…डीपीएस का वार्षिक समारोह मना, पेश की मनमोहक प्रस्तुतियांफोटो : अमित दास रांची़ डीपीएस, रांची में शनिवार को कक्षा दो और तीन के बच्चों ने वार्षिक समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया़ कार्यक्रम ‘पहल’ में मुख्य आकर्षन दीपशिखा, सर्वधर्म सम्भाव रहा़ विद्यार्थियों ने सर्वधर्म समभाव की भावना पर आधारित नृत्य नाटिका के माध्यम से समाज में व्याप्त धार्मिक मतभेद को दिखाया़ इसमें मनुष्यता, प्रेम और अहिंसा के महत्व को स्थापित किया गया. नृत्य नाटिका का प्रारंभ भगवान शिव की स्तुति से हुआ. ईश्वर में व्याप्त कोमलता सुंदरता और मधुरता का संदेश ख्वाजा मेरे ख्वाजा नृत्य… द्वारा दिया गया, ईश्वर सबके भूलों को क्षमा करें… गुरुनानक की एक अ़ोइम कार सतनाम…., गौतम बुद्ध के संदेश को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर विद्यालय ने सर्वधर्म संभाव का संदेश दिया. नृत्य नाटिका के माध्यम से बच्चे ने अहिंसा, प्रेम, सद्भावना ही सभी धर्मों का सार है का संदेश दिया़ दीपशिखा नृत नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों ने बालक-बालिका ईश्वर की अनुपम कृति हैं का संदेश दिया़ नाटक में दिखाया गया कि बालक-बालिका में मतभेद नहीं करना चाहिए़ दीपशिखा नृत्य नाटिका कक्षा द्वितीय के छात्र–छात्राओं ने पेश किया़ कार्यक्रम में भागीदारी से मनोबल बढ़ता है : प्राचार्य प्राचार्य डाॅ राम सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में सृजनात्मक कौशल का विकास होता है. बच्चों की झिझक, भाषा ज्ञान का विकास होता है़ बच्चों को प्लेटफाॅर्म मिलता है. वह अपनी प्रतिभा दिखा कर आगे बढ़ सकते हैं और अनेकों उपलब्धियां हासिल करते हैं. बच्चों के प्रेरक बने माता-पिता : प्रवीण कुमार मुख्य अतिथि डीआइजी प्रवीण कुमार ने कहा कि व्यक्तित्व के विकास में पढ़ाई के साथ–साथ नृत्य, संगीत नाटक की विशेष भूमिका होती है. बच्चों द्वारा प्रस्तुत नाटक दीपशिखा में बालक-बालिकाओं में भेदभाव समाज के लिए संदेश है़ बच्चों के लिए सबसे बड़ा प्रेरक माता-पिता और शिक्षक होते है़ सभी बच्चों में कोई न कोई गुण अवश्य होता है़ उन्हें पहचाने और प्रेरित करे़ं बच्चों के ऊपर अपने आकांक्षाओं को नहीं थोपे़ ज्ञान प्रकाश ने सभी को स्तंभ आत्म चिंतन, ध्यान और एकाग्रता द्वारा ब्रेन ट्यूनिंग की जा सकती है, इस कथन को कक्षा दो के छात्र ज्ञान प्रकाश ने लोगों के समक्ष दर्शाया. ज्ञान प्रकाश ने आंखों पर पट्टी बांध कर उसके समक्ष प्रस्तुत वस्तुओं की पहचान कर बताया. ज्ञान प्रकाश ने बताया कि यह एक जापानी तकनीक है, जो निरंतर अभ्यास करने के प्राप्त की जा सकती है़

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