रांची : राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के द्वितीय चरण की मेरिट लिस्ट जारी हाेने लगा है. जिन जिलों में लिस्ट जारी हुई है, उनमें प्रथम चरण में नियुक्त हुए काफी अभ्यर्थी फिर से मेरिट लिस्ट में आ गये हैं. ऐसे में शिक्षक नियुक्ति के बाद भी फिर सीट रिक्त रहना तय है. […]
रांची : राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के द्वितीय चरण की मेरिट लिस्ट जारी हाेने लगा है. जिन जिलों में लिस्ट जारी हुई है, उनमें प्रथम चरण में नियुक्त हुए काफी अभ्यर्थी फिर से मेरिट लिस्ट में आ गये हैं. ऐसे में शिक्षक नियुक्ति के बाद भी फिर सीट रिक्त रहना तय है. प्रथम चरण में कक्षा एक से पांच में 4500 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, जिनमें से 2250 पारा शिक्षक थे. शिक्षक नियुक्ति नियमावली के अनुसार पारा शिक्षक कोटि में चयन के लिए पारा शिक्षक को दो वर्ष की अटूट सेवा का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है. 2013 में प्रथम चरण की हुई नियुक्ति में शामिल वैसे पारा शिक्षक, जो अब स्थायी शिक्षक बन चुके हैं, उन्होंने भी दूसरे चरण की नियुक्ति में पारा शिक्षक कोटि से आवेदन जमा किया है. जिलों में उनका आवेदन पारा शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया गया है.
जिलों में जारी औपबंधिक मेरिट लिस्ट में उनका नाम जारी कर दिया गया है, जब पारा शिक्षक स्थायी शिक्षक बन चुके हैं, तो फिर उन्होंने दो वर्ष की अटूट सेवा का प्रमाण पत्र कैसे जमा किया. जिलों में स्क्रूटनी में उनके प्रमाणपत्रों की ठीक से जांच नहीं की गयी. रांची जिले में गैर पारा शिक्षक में 32 वैसे पारा शिक्षक हैं, जिनका पूर्व में स्थायी शिक्षक के रूप में चयन हो
चुका है.
इसी प्रकार गैर पारा शिक्षक कोटि में भी पूर्व में नियुक्त हो चुके शिक्षक का मेरिट लिस्ट में फिर से नाम आ गया है.
बीइइओ जारी करते हैं प्रमाण पत्र : प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में पारा शिक्षकों के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गयी है. आरक्षण का लाभ उन्हीं पारा शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने दो वर्ष की अटूट सेवा पूरी की हो. अटूट सेवा का प्रमाण पत्र संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जारी करते हैं. अटूट सेवा का प्रमाण पत्र, नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति वर्ष का होना चाहिए. कई प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी द्वारा वैसे पारा शिक्षकों को भी प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है, जो अब पारा शिक्षक नहीं हैं.
रिक्त रह जायेंगी सीटें : द्वितीय चरण की नियुक्ति में जिन सीटों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये हैं, उनमें प्रथम चरण में नियुक्त हो चुके 4500 शिक्षकों के पद शामिल नहीं हैं. ऐसे में प्रथम चरण में नियुक्त हुए शिक्षक अगर दूसरे चरण में फिर नियुक्त होते हैं, तो पूर्व में नियुक्त शिक्षकों का पद रिक्त रहना तय है.
मनपसंद जिले के लिए जमा किया आवेदन
प्रथम चरण में सभी जिलों में एक साथ नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी. ऐसे में जिस जिले में पहले नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हुई, चयनित शिक्षकाें ने पहले उन जिलों में योगदान दे दिया. प्रथम चरण की नियुक्ति में रांची में जुलाई 2014 में नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया था, जबकि अन्य जिलों में फरवरी 2015 तक नियुक्ति पत्र वितरण की प्रक्रिया चलती रही. प्रथम चरण में नियुक्त शिक्षकों ने अब मनपसंद जिलाें के लिए फिर से आवेदन जमा किया है.